महिला के मामले में पुलिस का गैरजिम्मेदाराना रवैये , घटना को 15 दिनों बाद नही हुई रिपोर्ट दर्ज

रायगढ़ : घटना दिनांक 20 मार्च 2023 की है पीड़ित पक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक घटना दिनांक 20 मार्च 2023 को 11 बजे के आसपास कुछ शहर के स्थानीय पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं घूमते घूमते एसईसीएल के पास पहुंचे थे तथा पेड़ में लगे आम देख तोड़ने लगे जहां एसईसीएल के कुछ कर्मारियो से विवाद हो गया जिसने वहां उपस्थित लोगों के द्वारा छात्राओं के साथ हांथ बांह पकड़ के गंदी गंदी गाली गलौज देते हुए गलत काम कर रहे बोलकर मारपीट की गई । जिसकी सूचना छात्राओं के द्वारा मोहल्ले के अपने एक भैया को बताने पर मौके पर पहुंचा तथा आरोपी लोगों को डांटने पर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर छात्राओं के भाइयों के सामने ही आरोपी युवक कौन है छात्राओं को गंदी गंदी गालियां दी जिसके बाद छात्राओं को लेकर लगभग 12:30 को चक्रधर नगर थाने में लिखित शिकायत देने पहुंचे तथा लिखित शिकायत देने के बाद महिला पुलिस के द्वारा पीड़ित पक्ष का बयान भी लिखा गया ठीक उसी समय दोनो एसईसीएल कर्मी आरोपी भी थाने पहुंचे जिसके बाद तत्काल उपस्थित पुलिसकर्मियों को द्वारा दोनों को चप्पल उतार कर फर्श में नीचे बैठा दिया था और छात्राओं की शिकायत व बयान लेने के बाद घर जाने को कहा गया लेकिन लिखित शिकायत की पावती नहीं दी गई। तथा पीड़ितों के जाने के बाद दोनो आरोपियों को पुलिस ने छोड़ दिया गया ऐसा पीड़ित ने मिडिया को बताया।
घटना दिनांक को ही शाम 8:00 बजे जब छात्राओं के परिचित ने शिकायत की पावती लेने के लिए थाने पहुंचे तो उन्हें महिला पुलिस कर्मी प्रा.आर चौरसिया ने पावती देने से इनकार करते हुए उल्टा आरोपी के द्वारा तुम्हारे खिलाफ भी मारपीट की शिकायत की गई है छात्राओं को कल लेकर आना उनके ऊपर भी काउंटर कार्यवाही की जावेगी कहकर धमकाया गया, जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से दूरभाष पर संपर्क कर आप बीती बताई और मीडिया से भी न्याय की गुहार लगाई गई , मिडिया और उच्च अधिकारीयो के हस्तक्षेप के बाद घटना के दूसरे दिन पीड़ित पक्ष को तत्कालीन चक्रधर नगर थाना प्रभारी नंदलाल पैंकरा ने थाने बुलाया जिसकी जानकारी पीड़ित पक्ष ने मिडिया को दी तथा मिडिया की उपस्थिति में पीड़ित ने थाना प्रभारी को पूरी घटना की जानकारी दी गई। जिसके बाद घटना में शामिल पीड़ित छात्र- छात्राओं में से दो लड़कों को अकेल में बुलाकर अलग अलग दोनो का बयान लिया गया। पूरी घटना की जानकारी लेने के बाद मामला बहुत संवेदन शील है कहते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने का पीड़ित पक्ष को आश्वासन दिया गया था। किंतु पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस आरोपियों से सांठगांठ कर मामले की लीपापोती कर दिया गया यही कारण है कि आज तक न तो उक्त मामले में एफआईआर दर्ज हुई ना ही आरोपियों की पुलिस ने गिरफ्तार किया।
गौरतलाब हो कि महिलाओं के संवेदनशील रायगढ़ पुलीस के महिला प्रधान आरक्षक चौरसिया ने बताया कि उक्त मामले की शिकायत और बयान फाइल थाना प्रभारी नंदलाल पैंकरा के पास हैं और आप उनसे बात करें । जिसके बाद थाना प्रभारी नंदलाल पैंकरा से बात करने पर उन्होंने कहा कि मैं अभी जिला दुर्ग आया हू अगर इस मामले में एफआईआर नही हुई है तो थाने जाकर तत्काल एफआईआर दर्ज कराएं।।

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