
छतरपुर जिले के छोटे से गांव गढ़ा की रहने वाली सविता आदिवासी सेना में चयन होने के बाद ट्रेनिंग कर पहली बार लौटी तो गांव की बॉर्डर पर भव्य स्वागत हुआ। गांव की सीमा पर डीजे के साथ रैली निकालकर उसे गांव तक लाया गया और फिर फूलों की बारिश के साथ स्वागत हुआ।
छतरपुर जिले के गढ़ा की रहने वाली सविता के पिता दशरथ आदिवासी टैक्सी चलाते हैं और उसी से परिवार का भरण पोषण होता है। दशरथ और उनके पूरे परिवार को इस बात पर गर्व है कि उनकी बेटी अब देश की सेवा करेगी और उनके गांव का नाम रोशन होगा। सविता गांव की पहली लड़की है जिसका भारतीय सेना में चयन हुआ है।
DJ बजाते हुए तिरंगा यात्रा के साथ ले गए घर तक
आठ महीने की ट्रेनिंग के बाद जब सविता अपने गांव लौटी तो उसे खुद भी इसका अंदाजा नहीं था कि उसका गांव में ऐसा स्वागत होगा। उसे जिंदगी भर याद रहेगा। गांव के सभी लोग सविता को पहले से ही गांव के बाहर खड़े होकर सविता का इंतजार कर रहे थे जैसे ही सविता गांव के बॉर्डर पर पहुंची तो ग्रामीणों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। सविता की आरती उतारी गई। गांव आने पर अपना इस तरह का स्वागत होते देख सविता की आंखें नम हो गईं। फूलमालाएं पहनाई गई, फूलों की बारिश की गई। DJ बजाते हुए हाथों में तिरंगा लेकर एक गाड़ियों की रैली निकालते हुए उसे घर तक ले जाया गया|
आठ महीने की ट्रेनिंग के बाद जब सविता अपने गांव लौटी तो उसे खुद भी इसका अंदाजा नहीं था कि उसका गांव में ऐसा स्वागत होगा। उसे जिंदगी भर याद रहेगा। गांव के सभी लोग सविता को पहले से ही गांव के बाहर खड़े होकर सविता का इंतजार कर रहे थे जैसे ही सविता गांव के बॉर्डर पर पहुंची तो ग्रामीणों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। सविता की आरती उतारी गई। गांव आने पर अपना इस तरह का स्वागत होते देख सविता की आंखें नम हो गईं। फूलमालाएं पहनाई गई, फूलों की बारिश की गई। DJ बजाते हुए हाथों में तिरंगा लेकर एक गाड़ियों की रैली निकालते हुए उसे घर तक ले जाया गया|
एक दिन बाद वापस कर्तव्य निभाने बॉर्डर पर जाएगी सविता
सविता के भाई कौशल आदिवासी ने बताया कि उसकी बहन एक दिन के बाद राजस्थान के अलवर अपना कर्तव्य निभाने के लिए चली जायेगी। इससे पहले 8 महीनों तक राजस्थान के अलवर जिले में ही मौजपुर में उसकी ट्रेनिंग हुई थी। उसने कहा कि यह मेरे परिवार के लिए गर्व की बात कि सविता देश सेवा करते हुए हमारा नाम रोशन करेगी
सविता के भाई कौशल आदिवासी ने बताया कि उसकी बहन एक दिन के बाद राजस्थान के अलवर अपना कर्तव्य निभाने के लिए चली जायेगी। इससे पहले 8 महीनों तक राजस्थान के अलवर जिले में ही मौजपुर में उसकी ट्रेनिंग हुई थी। उसने कहा कि यह मेरे परिवार के लिए गर्व की बात कि सविता देश सेवा करते हुए हमारा नाम रोशन करेगी