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माहे रमजान के बाइस रोजों के बाद लैलतुल कद्र समाज के लोगों द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाई गई

बिलासपुर //तखतपुर –:::—नमाज पढ़ी गई व समाज व देश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गई. । दुनिया के सभी धर्मों में उपवास अथवा रोजे की बड़ी अहमियत है रोजा आत्मा और शरीर दोनों को पवित्र करता है। रोजा रखने से इंसान में धैर्य और दूसरों की तकलीफों को समझने का अनुभव होता है। रोजा इफ्तारी के समय लोग एकजुट होते हैं। इससे अन्य धर्मों के लोग भी श्रद्धा से जुड़ते हैं और यही हमारे देश की संस्कृति की पहचान है। दाऊदी बोहरा समाज तखतपुर के लोगों के द्वारा भी रमजान माह में रोजे रखकर प्रतिदिन पांच वक्त की नमाज अदा की जा रही है। समाज के प्रमुख मुल्ला ताहेर भाई पटवारी के द्वारा प्रतिदिन नमाज पढ़ाने के अलावा कुरान की तिलावत व तकरीर भी की जाती है। जिसमें उन्होंने समाज के लोगों को धर्मगुरु डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के आदर्शों पर चलने की सीख दी। अपनी तकरीर में उन्होंने समाज के लोगों से बुराइयों से दूर रहने, गरीब व असहायों की मदद करने, ब्याज से दूर रहने, नशा न करने तथा सच्चाई व ईमानदारी से व्यापार करने,जकात अदा करने का आह्वान किया साथ ही युवाओं से आत्महत्या व डिप्रेशन से बचने की बात कही।
माहे रमजान के बाइस रोजों के बाद लैलतुल कद्र समाज के लोगों द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाई गई जिसमें सभी लोगों के द्वारा पूरी रात जागकर खुदा की ईबादत की गई, नमाज पढ़ी गई व समाज व देश की खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गई । इस अवसर पर समाज के मुल्ला शब्बीर कपासी, जाफर कपासी, सादिक अली, शब्बीर लक्ष्मीधर, जाकिर कपासी, यूसुफ वनक, शब्बीर शाम, सिराज वनक, ताहेर अली, कुतबुद्दीन भारमल, अली हुसैन, यूसुफ भारमल, मुर्तुज़ा, सैफुद्दीन, अब्बास हिरानी, मोइज भारमल, हमजा, मोइन, होजेफा, हातिम, यूसफ़, मुस्तफा, इब्राहिम, परवेज भारमल,हाशिम, मंसूर, हुसैन, मुस्तफा, ताहा, अलीअसगर, अब्बास, कुशय सहित बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं व बच्चे उपस्थित थे।संतोष ठाकुर की रिपोर्ट

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