यूक्रेन में फसे छात्रों ने भारत सरकार से लगायी गुहार अपने परिजनों को सुनाया वहा की स्थिति

पावेल अग्रवाल धरमजयगढ़:- रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से वहां फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों के सामने खाने-पीने के समान व बिजली की समस्या खड़ी होती जा रही है। कीव में लगातार हो रहे हमले के बीच वहां छात्रों को सुरक्षित रहने के लिए बंकरो में रहकर समय गुजरना पड़ रहा है। यूक्रेन में दिनबदिन खराब हो रहे हालातों के कारण छात्रों के परिजनों की चिंता बढ़ते जा रही है। वहीं यूक्रेन में फंसे छात्र भारत से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं। बता दें कि धरमजयगढ़ के भी 3 स्टूडेंट्स काफिल, शिफा व अलीजा यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कीव में बंकर में रह रहे काफिल व शिफा वहां की स्थितियों के बारे में लगातार अपने परिजनों को बता रहे हैं। काफिल खुर्शीद ने वहां के वर्तमान हालातों से अवगत कराते हुए परिजनों को बताया कि रातभर बमबारी होती रही। बंकर में फंसे कफील ख़ुर्शीद, शिफा ख़ुर्शीद व सैकड़ो मेडिकल स्टूडेंट भूखे- प्यासे, बम के धमाकों की वजह से रात भर जागते रहे। ये स्थिति है उन जगहों की बंकरों की जो कीव में है और उन जगहों के आसपास लगातार बमबारी हो रही है। इस बीच अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हिंदुस्तानी छात्र भारत से मदद मांग रहे हैं। काफिल खान ने बताया कि बच्चे असुरक्षित जगहों में हैं। उन्हें अपनी जान की सुरक्षा चाहिये। उन्होंने कहा कि बच्चों को खाने-पीने की परेशानी हो रही है इसलिए रेस्क्यू कर इन बच्चों को उस स्थान से सुरक्षित स्थान पर ले जाना जरूरी है। आसपास बमबारी होने से बच्चे बाहर नहीं निकल सकते बच्चे भयभीत और घबराये हुये है। उन्होंने बताया कि बंकर में शुद्ध हवा और खाना-पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि घुटन महसूस कर रहे इन बच्चों को किसी भी तरह से उक्त स्थान से हटाना जरूरी है। उधर कीव में मिसाईल, बम गिराए जाने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। जिससे आसपास धुआं ही धुंआ है। अंदर बाहर सभी जगह सांस लेना दूभर है। काफिल के वालिद डॉ खुर्शीद ने कहा जिन जगहों पर वॉर नहीं हो रहा है उन जगहों के बच्चे भले ही भयभीत हैं पर उनकी घर वापसी आसान है। मगर राजधानी कीव के उन इलाकों में जहां लगातार बमबारी हो रही है वहां का पूरा इलाका धुआं-धुआं हो रहा है। उन इलाके में फंसे बच्चे पिछले 4 दिनों से खाने-पीने की समुचित व्यवस्था किए जाने के साथ-साथ जान बचाने, सुरक्षित निकालने व उन्हें उनके मुल्क हिंदुस्तान ले जाने की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एम्बेसी सिर्फ उन्हें ‘जहां हैं वहीं रहें’ कह आश्वस्त कर रही है। पूरे 4 दिन हो गये सिर्फ आश्वासन के भरोसे बच्चे उन जगहों पर टिके हुये हैं।

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