राजनांदगांव सियासत के राजा स्व. महंत श्री दिग्विजय दास वैष्णव जी की 63 वीं पुण्यतिथि पर छ.ग.श्री वैष्णव महासभा युवा प्रकोष्ठ के तत्वाधान माल्यार्पण व रक्तदान शिविर का आयोजन…

दिलीप कुमार वैष्णव@ आपकी आवाज
राजनांदगांव | छ.ग. श्री वैष्णव महासभा युवा प्रकोष्ठ के द्वारा दिनांक 22/01/2021 शुक्रवार को सुबह 11:00 बजे दिग्विजय महाविद्यालय परिसर में राजनांदगांव सियासत के राजा स्वर्गीय श्री महंत दिग्विजय दास वैष्णव जी की 63 वी पुण्यतिथि पर माल्यार्पण व रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा।
छ.ग. श्री वैष्णव महासभा ने जिले के सभी गणमान्य नागरिकों को इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित किया है।

➡️छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव रियासत के दानवीर राजा महंत दिग्विजय दास वैष्णव जी का जीवन परिचय

राजा महंत दिग्विजय दास वैष्णव जी का जन्म 25 अप्रैल 1933 को हुआ राजा जी की प्रारम्भिक शिक्षा कलकत्ते में अपनी मां के देखरेख में पब्लिक स्कूल में हुई,इसके पश्चात उन्हें राजकुमार कॉलेज रायपुर व दार्जिलिंग कॉलेज भेजा गया,उसके पश्चात वे कृषि प्रशिक्षण के लिए इंग्लैंड गए,अध्ययन कार्य समाप्त करने के पश्चात वे राजनांदगांव आये।
महंत सर्वेश्वर दास वैष्णव जी की मृत्यु के पश्चात राजा दिग्विजय दास वैष्णव जी को उत्तराधिकारी घोषित किया गया,पर नाबालिग होने के कारण ज्योति देवी को संरक्षिका घोषित किया गया।

राजा दिग्विजय दास वैष्णव जी के बालिग होने पर राजा की उपाधि प्राप्त करने के लिए लालबाग में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया।

राजा घोषित होने के बाद उन्होंने अनेक सार्वजनिक व सांस्कृतिक संस्थाओं को मुक्त हस्त से दान दिया

प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दिग्विजय दास वैष्णव जी ने 1 लाख रुपये का दान किया

वे 15 अगस्त व 26 जनवरी के उत्सव में स्थानीयों शालाओं के विद्यार्थियों में मिठाई वितरण करवाते थे

वे कॉलेज के प्रबंधक समिति के प्रथम अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे

उन्होंने दिग्विजय कॉलेज को अपनी पुस्तकालय का कुछ अंश दान भी किया था

उन्होंने आल इंडिया हॉकी टूर्नामेंट के लिए आर्थिक सहायता की थी

यहां हॉकी टूर्नामेंट में सन 1941 में रियासत के राजा साहब स्व महंत सर्वेश्वर दास वैष्णव जी की पुण्य स्मृति में आरंभ किया गया

सन 1950 ईसवी तक टूर्नामेंट के प्रधान संरक्षक श्री राजा साहब महंत दिग्विजय दास वैष्णव जी थे
महंत दिग्विजय दास वैष्णव जी शिकार के शौकीन थे
साथ ही पुस्तक प्रेमी गंभीर विचारक दानी भी थे
1953 में महंत जी का विवाह बारिया की राजकुमारी संयुक्ता देवी से हुआ।

महंत दिग्विजय दास वैष्णव जी अल्पकाल 25 वर्ष की आयु में ही 22 जनवरी 1958 को चल बसे।

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