
रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड के महाराष्ट्र पावर जनरेशन गारे सेक्टर एसईसीएल पेलमा कोयला प्रभावित क्षेत्र के 24 गाव के कोयता खदानों को निरस्त कर ग्रामीणों को न्याय दिलाने की मांग
रामगढ़ । विकासखंड तमनार क्षेत्र के ग्राम पंचायत 28 गांव के लोगों ने आजा आदिवासी दिवस पर महारैली निकाल कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सोते हुए मांग किया कि जिले के आदिवासी क्षेत्र जहाँ पर पांचवी अनुसूची क्षेत्र लागू है इस क्षेत्र में पहले से कई कोयला खदान संचालित है जिसमें जिदत एसईसीएल हिंडाल्को अबूजा छत्तीसगढ़ पावर कारपोरेशन रायगढ़ एलायंस की खदाने चालू है जिसके कारण इस क्षेत्र में व्यापक स्तर पर प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओ से मौत हो रही है साथ ही टीवी कैसर दमा सितकोशिश जैसे बिमारी फैल रही है जिसको लेकर इस क्षेत्र प्रभावितों द्वारा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण NGT याचिका भी ‘दायर की गई है जो न्यायालय में विचाराधीन है
इसके बाद भी महाराष्ट्र पावर जनरेशनगारे सेक्टर एसईसीएल पेलमा कोयला खदान की शुरुआत केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किए जाने की प्रक्रिया चालू की गई है। जिसमें प्रभावित 24 गांव के ग्रामीणों से ना तो किसी प्रकार की ग्राम सभा करके अनुमति नहीं ली गई है एवं ना ही किसी भी प्रकार की प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को सूचना दी गई है जिसके कारण आदिवासी क्षेत्र के
5:29आदिवासी प्रभावित ग्रामीणों में व्यापक पेलमा महाराष्ट्र पावर जनरेशनगारे सेक्टर-एसईसीएल को प्रभावित क्षेत्र के लोग अपने भूमि पर कृपा का काम करना चाहते है एवं ग्राम क्षेत्र से लगे नोकर जीवन पापन करना चाहते है ग्रामीण आदिवासी परिवार किसी भी कीमत पर अपने क्षेत्र में कोपता खदान नहीं चाहते है इसके बावजूद भी राज्य सरकार एवं प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के ऊपर बार-बार दबाव बनाया जा रहा है कि ग्रामीण अपनी ग्राम सभा से महाराष्ट्र पावर जनरेशन सेक्टर एसईसीएल पेटमा कोता खदान को संचालित करने के लिए ग्राम सभा से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करें]
परंतु आजपर्यंत तक ग्रामीणों द्वारा अपनी ग्राम सभा में किसी भी प्रकार की कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं की गई है वही महाराष्ट्र पावर जनरेशन सेक्टर-2 एस ई सी सी रत पेतमा को कंपनी द्वारा फर्जी अनापति प्रमाण पत्र केंद्र सरकार के केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली में जमा की गई है जिससे कोपता प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों में जिला प्रशासन की प्रक्रिया को लेकर काफी आक्रोश व्याप्त है यह क्षेत्र उड़िसा के झारसुगुडा और सुंदरगढ़ जिले से लगा हुआ है जहां से हाथियों आना जाना लगा रहता है यह हाथी प्रभावित क्षेत्र है काला चीता कोटरी हिरण एवं अन्य जंगली जानवरों का आना जाना लगा रहता है इस क्षेत्र में क आदिवासियों के कई आस्था के केन्द्र है जिसको मोलूगढ़ कहा जाता है इसी क्षेत्र में मोरगापाट सिसोटपहाड ऊपाकोठी रानीदरह करमागढ़ टीपाखीत है जो आदिवासी समुदाय के देवता स्थापित है जिनका आज भी आदिवासी राजघराना आदिवासी समुदाय के साथ मिलकर आज भी पूजा करता है जो आदिवासीयों का आस्था का केंद्र है कोपता खदान खुलने से पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगा और आदिवासियों के संस्कृत खत्म हो जाएगा

अतः महोदया से अनुरोध है कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र का पालन करते हुए ग्राम सभा के निर्णय को सम्मान देते हुए केंद्र सरकार राज्य सरकार के द्रारा जारी कोयला खदान को निरस्त करने की कृपा करें