25जुलाई से 29 जुलाई महंगाई भत्ता के मांग पर कर्मचारी अधिकारी उतरेंगे सड़कों में–

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–21.7.22

25जुलाई से 29 जुलाई महंगाई भत्ता के मांग पर कर्मचारी अधिकारी उतरेंगे सड़कों में–

पखांजूर–
शासकीय कर्मचारियों को केन्द्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता नहीं देने से कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है ।कर्मचारी
-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर 25 जुलाई से 29 जुलाई महंगाई भत्ता के मांग पर कर्मचारी अधिकारी उतरेंगे सड़कों में जिसका कर्मचारियों में काफी नारजगी जाहिर करते हुए तहसील पखांजूर उपाध्यक्ष बी.एल कुलदीप,मिडिया प्रभारी निबास अधिकारी, कोषाध्यक्ष भागीरथी यादव,रतन विश्वास, संजय सोरी ,दिनेश पटेल,शिवाजी पाण्डे आदि ने कहांं है कि हम कर्मचारी दिन नहीं रात हमेशा अपने कर्मों में व्यस्त रहते है।ताकि देश एवं राज्य कि जनता एवं वतन की सेवा निरंतर ता बनी रहे और देश और अधिक मजबूत हों।आज हर रोज प्रचार मिडिया में जोरों पर है भारत देश कोविड -19 टिकाकरण में अबल किया ।दुनिया के प्रथम देश है जिसने अपनि पहचान कोविड -19 वैक्सीन में चार चांद लगा दी वगैराह -वगैराह उपाधियों से नवाजा जा रहा है।और वतन की निष्ठावान वहीं कर्मचारी अधिकारीओं के प्रति राज्य सरकार की बेरुखी वर्षों से केन्द्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता नहीं देना हजारों सवाल खड़े हो रहे है कि कर्मचारियों को काम बंद कलम बंद करने मजबूर कर रहे है।केन्द्र राज्य सरकार हमेशा कर्मचारी अधिकारियों की मांग पर कुंभकरण की निंद में रहते है।सरकार अपनि योजनाओं को सफल करने हम कर्मचारियों जान जोखिम में डालकर महामारी हो प्राकृतिक आपदा हो हर कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना हम कर्मचारी अधिकारी की खुन पसीना एक करके जान की बाजी लगा देते है और जान कुर्बान कर
रहे है।राज्य सरकार से अपील करते है 25 जुलाई से पहले ही महंगाई भत्ता घोषित करें ।ताकि राज्य कि कर्मचारी अधिकारीओं को हड़ताल करने की नौवत ना आएं तत्काल गंभीरतापूर्वक केन्द्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा 34 % प्रतिशत की अंतर को बराबर कर भत्ता देने की नीति लागू कर समाधन करें।शासन द्वारा हमारे सेवाशर्तो एवं मौलिक अधिकारों का सतत हनन किया जा रहा है। शासन द्वारा जारी किये गये महंगाई भत्ता के आदेशों में एरियर्स एवं देय तिथि का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने के कारण भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है।

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