
छत्तीसगढ़ के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय छोड़ने की चिट्ठी पर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। इस्तीफा के बाद प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। रविवार को सुबह मामले की सुलह के लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने सीएम भूपेश बघेल से बात की, तब उन्होंने पत्र नहीं मिलने की बात कही। दोपहर को मंत्री के विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने की खबर आई। देर रात सीएम हाउस में बैठक में सिंहदेव शामिल भी नहीं हुए। विधायक दल की बैठक में कुछ मंत्री व विधायकों ने टीएस सिंहदेव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही है। इधर सिंहदेव के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी से मिलने दिल्ली जाने की खबर है।
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि विधायकों ने मंत्री सिंहदेव द्वारा सीएम भूपेश बघेल को लिखे पत्र में जिन बिंदुओं को प्रमुखता से उठाया है, उस पर ज्यादातर विधायकों ने प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक में सिंहदेव के इस्तीफा का मुद्दा प्रमुखता से उठा। कांग्रेस के अधिकांश विधायकों ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सिंहदेव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग रखी। प्रदेश प्रभारी ने विधायकों की बातों को सुनने के बाद कहा कि वे आपकी भावनाओं से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराएंगे। विधायकों ने यहां तक कहा कि पिछली बार एक आदिवासी विधायक पर अनुशानहीनता की कार्रवाई हुई थी। उन्हें विधानसभा में माफी मांगनी पड़ी थी। इस बार भी कार्रवाई होनी चाहिए। विधायकों ने विधानसभा सत्र के पहले ही कार्रवाई करने की बात कही है। इधर राष्ट्रपति चुनाव के लिए टीएस सिंहदेव रायपुर आएंगे और उसके बाद उनके दिल्ली जाने की खबर है।
हाईकमान को पत्र भेजने की पटकथा हुई तैयार
बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव ने शनिवार शाम को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से अचानक इस्तीफे दे दिया। उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को 4 पेज का एक पत्र लिखा है। उनका पत्र वायरल होने के बाद कांग्रेस की राजनीति में भूचाल आ गया। उन्होंने विभाग में लगातार दख़लंदाजी और उनके प्रस्तावों पर काम नहीं होने की बात कही है। 8 लाख प्रधानमंत्री आवास, मनरेगा हड़ताल, सहायक परियोजना अधिकारियों की बहाली और घोषणा पत्र के मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भार से खुद को पृथक कर रहे हैं। टीएस के इस पत्र ने सरकार और संगठन में भूचाल ला दिया। रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्हें पत्र ही नहीं मिला है। पत्र मिले तो उसका परीक्षण कराएंगे। रविवार को दिनभर सियासी घटनाक्रम बनता और बिगड़ता रहा। अंतत: विधायकों की बैठक में सिंहदेव के विरोध में हाईकमान को पत्र भेजने की पटकथा तैयार हो गई।
2018 विस चुनाव में बड़़ी भूमिका में थे ‘बाबा’
2018 के विधानसभा चुनाव में टीएस सिंहदेव की न सिर्फ अहम भूमिका रही, बल्कि वे सीएम पद के लिए सीधे दावेदार थे। कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र समिति के टीएस सिंहदेव अध्यक्ष थे। विधायक दल के नेता चयन के लिए आयोजित बैठक के दौरान टीएस सिंहदेव के साथ 49 विधायक होने के दावा किया गया था। यह बात पहले दिन से चर्चा में रही कि ढाई-ढाई साल के फार्मूले में कांग्रेस हाईकमान ने पहला मौका तत्कालीन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को दिया था। टीएस सिंहदेव को सरकार के इन साढ़े तीन सालों में न सिर्फ कमजोर किया गया, बल्कि उपेक्षित भी किया गया।
BJP लाएगी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के बाद भाजपा को भूपेश सरकार पर हमला करने का सुनहरा अवसर मिल गया। पूर्व सीएम डा. रमन सिंह ने ट्वीट कर भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि टीएस सिंहदेव के इस्तीफे से यह बात साफ हो गई है कि मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के बीच भारी मतभेद है। भूपेश सरकार में मंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं है। अभी तो एक ने इस्तीफा दिया है। सब मंत्रियों के मन में भारी आक्रोश है, देखना बड़ा विस्फोट होगा। डॉ. रमन ने कहा कि भाजपा विधानसभा में अवश्वास प्रस्ताव लाएगी। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी ट्वीट कर कहा कि टीएस सिंहदेव ने अपने एक मंत्रालय से त्यागपत्र किन कारणों से दिया है, यह सभी जानते हैं। साफ है कि कांग्रेस के भीतर खाने में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आ गई है। भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।