
भोपाल: एक ओर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए बिगुल बज गया है, तो दूसरी तरफ लॉ एंड ऑर्डर यानी कानून व्यवस्था पर जुबानी जंग तेज है। खरगोन हिंसा के 47 दिन बाद निमाड़ पहुंचे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सख्त तेवर दिखाते हुए दंगाइयों पर कार्रवाई की बात कही। तो दूसरी तो हाल ही में नेता प्रतिपक्ष बने गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यकर्ता ही प्रदेश में दंगे फैला रहे हैं। अब सवाल है कि सियासत के अखाड़ा में खरगोन अब तक जिंदा क्यों है?
खरगोन हिंसा के 47 दिनों के बाद निमाड़ के दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने सख्त तेवर दिखाए हैं। गृहमंत्री ने अपने दौरे की शुरूआत खंडवा से की, जहां उन्होंने महिला अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात कही। इसके बाद वो खरगोन पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा की। खरगोन के बाद गृहमंत्री ने बड़वानी का दौरा भी किया। इस दौरान गृहमंत्री ने ये भी साफ किया कि दंगे के पीछे जिसका भी हाथ रहा है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भले ही गृह मंत्री कानून व्यवस्था लेकर सख्त तेवर दिखा रहे थे, दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए तंज कस रहे हैं कि मध्यप्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर में से केवल ला बचा है। पैसा लाओ और आर्डर ले जाओ यहीं लॉ एंड ऑर्डर है।
बहरहाल एक तरफ प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होता है, तो दूसरी और गृहमंत्री खरगोन में दंगे करने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात करते हैं। वो भी ठीक 47 दिन बाद, जिसे लेकर कांग्रेस आरोप भी लगा रही है। गृह मंत्री के दौरे और कांग्रेस के आरोपों के बीच प्रदेश की कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए उठाए जा रहे नए कदमों का क्या असर होगा? ये तो भविष्य में छिपा है, लेकिन लॉ एंड आर्डर को लेकर सियासत जरुर चरम पर है।