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विश्व में ख्याति प्राप्त और भारत रत्न से सम्मानित सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिन के अवसर पर आईएसबीएम विश्वविद्यालय द्वारा अभियंता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती की विधिवत पूजा अर्चना एवं छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत से हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी.पी. भोल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में इंजीनियरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ततपश्चात विश्वविद्यालय के सह कुलसचिव डॉ. रानी झा ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में इंजीनियरों के योगदान की सराहना की। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. संदीप साहू ने बताया कि रोजमर्रा के कार्यों को संपादित करने में सभी इंजीनियर ही हैं। इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष चंद्रशेखर कुर्रे ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इंजीनियरों का मुख्य योगदान आम जीवन को सरल और आसान बनाना है। भारत में इंजीनियरों की संख्या दुनिया में दूसरे नंबर पर है। इसे इंजीनियरों का देश भी माना जाता है। इंजीनियरिंग भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देती है और भारत के समग्र विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। यह दिन देश के सभी इंजीनियरों, विशेषकर सिविल इंजीनियरों को अपने लक्ष्यों को पूरा करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए सर एम विश्वेश्वरैया को अपना आदर्श बनाने की याद दिलाता है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक वागेश कुंभकार ने छात्रों को इंजीनियरिंग विषय के महत्व से अवगत कराया तथा भारत रत्न विश्वेश्वरैया के योगदानों को याद कराया। इस कार्यक्रम में इंजीनियरिंग से संबंधित विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया था, जिसमें सम्मिलित होकर छात्र-छात्राओं ने दैनिक जीवन में इंजीनियरिंग के महत्व को समझा। अंत मे सभी विजेताओं को इनाम और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया गया। कार्यक्रम के अंत में इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में पास हुए सभी प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। सहायक प्राध्यापक टेकेश्वर कौशिक द्वारा आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन छात्रा मोक्षा रानी एवं छात्र कुनाल साहू द्वारा किया गया। कार्यक्रम में इंजीनियरिंग विभाग के सभी प्राध्यापक एवं भारी संख्या में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।