चंदनीडीह एसटीपी बनने का रास्ता अब साफ होता दिखाई दे रहा है। इसके लिए रेलवे ने निगम को निर्माण के लिए अनुमति दे दी है।
रायपुर। चंदनीडीह एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनने का रास्ता अब साफ होता दिखाई दे रहा है। इसके लिए रेलवे ने निगम को निर्माण के लिए अनुमति दे दी है। 100 करोड़ रुपये की लागत से चंदनीडीह में 75 एमएलडी का प्लांट बनना है। इसे सरोना के पास रेलवे ट्रैक के नीचे से ले जाया जाना है। इसके लिए रेलवे अनुमति नहीं दे रही थी। हालांकि चर्चा के बाद बीते अंतिम तौर पर अनुमति दे दी। वहीं निगम के अफसरों के अनुसार इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूरे कार्य को पूरा करने के लिए तीन माह का समय दिया गया है।
बता दें कि वर्तमान में भाठागांव, कारा और निमोरा में बनवाए गए एसटीपी से पानी के ट्रीटमेंट का कार्य किया जा रहा है। इससे प्रतिदिन लगभग 121 एमएलडी पानी की सफाई की जा रही है। वहीं चंदनीडीह दूसरा सबसे बड़ा एसटीपी होगा। इसके शुरू होने से काफी हद तक राहत मिलेगी।
अधूरे एसटीपी से गंदी हो रही खारून
चंदनीडीह एसटीपी का कार्य अधूरा होने की वजह से खारून नदी को गंदगी से बचाने में निगम का अमला सफल नहीं हो पा रहा है। वहीं भाठागांव से आगे आने के बाद महादेव घाट के एनीकट के पास से ही खारून गंदी हो रही है। इसके आगे भी ज्यादा गंदगी देखने को मिल रही है।
रायपुर नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील कुमार चंद्रवंशी ने कहा, इसके लिए रेलवे की ओर से अनुमति मिल गई है। रेलवे लाइन के नीचे से लाइन बिछाने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है। उक्त अवधि के भीतर कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा लगभग चार महीनों के भीतर इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।