छुरा गरियाबंद भूपेंद्र गोस्वामी आपकी आवाज संपर्क सूत्र=8815207296
आईएसबीएम विश्वविद्यालय नवापारा कोसमी छुरा, गरियाबंद, छत्तीसगढ़ द्वारा दो महाविद्यालयों से शैक्षणिक सहयोग के आदान-प्रदान हेतु एमओयू पर हस्ताक्षर करके करार किया गया है। ये महाविद्यालय क्रमशः शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद तथा शांत्री बाई कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय महासमुंद है। अब ये संस्थान आईएसबीएम विश्वविद्यालय से मिलकर शैक्षणिक गतिविधियों एवं विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में साथ कार्य करेंगे। ये संस्थान मिलकर एकेडमिक के क्षेत्र में काम करेंगे और संस्कृति विकसित करेंगे। इसके लिए दोनों संस्थानों से आईएसबीएम विश्वविद्यालय ने एक करार किया है। सबसे पहले शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनुसुइया अग्रवाल, डॉ नीलम अग्रवाल NAAC प्रभारी और श्री मनीराम धीवर IQAC प्रभारी ने आईएसबीएम विश्वविद्यालय के साथ एमओयू पर साइन किया। इसके पश्चात शांत्री बाई कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सविता चंद्राकर, NAAC प्रभारी श्री घनश्याम पटेल, IQAC प्रभारी श्री अमित साहू ने आईएसबीएम विश्वविद्यालय के साथ एमओयू पर साइन किया। इसके तहत दोनों संस्थान मिलकर आईएसबीएम विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक संबंधित सभी शोध कार्यों एवं विभिन्न आयामों को बढ़ावा देने का काम करेंगे। आईएसबीएम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी पी भोल, NAAC प्रभारी डॉ एन के स्वामी, IQAC प्रभारी डॉ संदीप साहू के द्वारा इस समझौते पर साइन किया गया। इस समझौते की कुछ मुख्य बातों में सेमिनार, सम्मेलन, संगोष्ठियों का आयोजन करके, शिक्षा में लगातार बदलते और चुनौतीपूर्ण समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के प्राध्यापकों, अनुसंधान विद्वानों और छात्रों को प्रगति करने, प्रदर्शन करने और अपने शिक्षण कौशल को निखारने के लिए एक मंच प्रदान करना है। वित्तीय निर्भरता के बिना हितधारकों की जरूरतों और मांगों के आधार पर कार्यशालाओं और परामर्श कार्यक्रमों या ऐसी संयुक्त गतिविधियों और विनिमय कार्यक्रम के लिए शर्तों और आवश्यक संसाधनों पर चर्चा की जाएगी और विशेष गतिविधि की शुरुआत से पहले दोनों संस्थानों द्वारा लिखित एवं पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की जाएगी। कार्यक्रम, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य निकायों तक परामर्शी सेवाओं का विस्तार करना, अपने कर्मचारियों के संचार कौशल को और बढ़ाने, एक अनुसंधान स्वभाव को विकसित करना जो नवोन्वेष को बढ़ावा देता है, छत्तीसगढ़ के प्राध्यापकों और विद्वानों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र, आउटरीच कार्यक्रम संचालित करना, संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित करना ताकि छत्तीसगढ़ के महाविद्यालयों के प्राध्यापक अपने ज्ञान आधार को अद्यतन कर सकें और सर्वोत्तम शैक्षणिक प्रथाओं को लागू कर सकें। प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करना और उन पर जोर देना, संसाधन संकाय के रूप में भाग लेना और योगदान देना। छात्रों/प्राध्यापकों के लिए एक राष्ट्रीय और वैश्विक मंच स्थापित करना। प्राध्यापकों और शिक्षार्थियों के कल्याण के लिए आईएसबीएम और शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद, शांत्री बाई कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय महासमुंद के बीच शैक्षिक संबंधों को मजबूत करना, संकाय सदस्यों के आदान-प्रदान सहित संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों का शुभारंभ और अनुसंधान कर्मी, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विभिन्न रूपों में सहयोग, कौशल की ओर निर्देशित मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम/कार्यक्रम और ऐड-ऑन पाठ्यक्रमों का परिचय वृद्धि, क्षेत्रीय दौरों/भ्रमणों के माध्यम से छात्रों को पर्याप्त अनुभव प्रदान करना, शैक्षणिक एवं अन्य प्रकाशनों का आदान-प्रदान करना शामिल है। ऐसे समझौते से तीनों संस्थानों का विकास होगा। विश्वविद्यालय का इन संस्थानों से एमओयू कराने तथा इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ गरिमा दीवान का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस अवसर पर आईएसबीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ विनय अग्रवाल, कुलपति डॉ आनंद महलवार, संयुक्त कुलसचिव डॉ रानी झा ने विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी तथा विश्वविद्यालय के विकास के लिए अन्य शैक्षणिक संस्थानों से भी एमओयू कराने की बात कही।