छत्तीसगढ़

विधानसभा ब्रेकिंग : ध्यानाकषर्ण में उठा फिर सुपेबेड़ा का मामला, मंत्री रूद्र गुरु के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वाकआउट:-


आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर

 रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन सदन में ध्यानाकषर्ण के दौरान विपक्ष के विधायकों ने सुपेबेड़ा और जल आवर्धन योजना का मसला उठाया।

इस मामले में मंत्री रुद्र गुरु ने जवाब देते हुए कहा कि योजना में वित्त मंजूरी के लिए विभाग को फ़ाइल भेजी गई है।
इसके बाद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी एक गांव में 90 से ज्यादा लोगों की किडनी की बीमारी से मौत हो गई। फरवरी 2019 में स्वास्थ्य मंत्री गए थे। दो साल बाद भी योजना का टेंडर जारी नहीं हुआ। उधर सुपेबेड़ा में होर्डिंग भी लग गई। लोगों की जान जा रही है और टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। छत्तीसगढ़ में यह कभी नहीं हुआ कि पूरा का पूरा गांव कलेक्टर के पास जाकर कह रहा है कि इच्छा मृत्यु दे दो।

बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि सुपेबेड़ा में कितने लोगों की मौत हुई है? कितने लोगों की किडनी खराब है? गुरु रुद्र गुरु ने कहा कि पीने के पानी की वजह से किसी की मृत्यु नहीं हुई है। 119 घरों में सीधे नलों के जरिये पीने का शुद्ध पानी दिया जा रहा है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- उस क्षेत्र में न कलेक्टर जाता है न एसपी जाता है। राजनीतिक दलों के लोग भी नहीं जाते। फरवरी 2019 में स्वास्थ्य मंत्री और पीएचई मंत्री वहां जाते हैं और दो सालों में वहां काम शुरू नहीं होना बेहद खेदजनक है।

पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि- 2009 से लेकर 21।12।2018 तक सुपेबेड़ा में 119 मौत हुई है। इसके बाद से अब तक 32 मौतें हुई है। ये सभी मौतें पानी की वजह से नहीं हुई, किन्हीं और वजह से हुई है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- क्या ये सरकार युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सुपेबेड़ा में पीने का शुद्ध पानी सप्लाई किया जा सकेगा? समय सीमा तय करने से अधिकारियों की भी बाध्यता होगी ?

गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि- हम करेंगे। यह मैं यकीन दिलाता हूं सरकार के इसी कार्यकाल में पूरा हो जाएगा।

बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने पूछा कि- सरकार दो सालों में शुद्ध पानी का इतंजाम नहीं करा पाई, यह दुर्भाग्यजनक है?  सुपेबेड़ा में किन-किन बीमारियों की वजह से मौत हुई है?

मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा- सरकार की मंशा है कि जो योजना बनाई गई है उस पर जल्द काम शुरु किया जाएगा।

बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि- स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया था कि दूषित पेयजल की वजह से सुपेबेड़ा में लोगों की मौत हुई है?

पीएचई मंत्री का बयान सही है या फिर स्वास्थ्य मंत्री का? दूसरी बात यह है कि वित्त विभाग ने अब तक फाइल मंजूर नहीं की है तो फिर इस योजना की प्रशासकीय स्वीकृति कैसे मिल गई?

पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने कहा– स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मंगाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने भी यह कहा है कि दूषित पेयजल की वजह से मौत नहीं हुई।

अजय चंद्राकर ने कहा- आप कैसे कह सकते हैं कि दूषित पानी से मौत नहीं हुई ? आप क्या विशेषज्ञ है? मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी ने सदन से वाकआउट कर दिया।

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