शरिया अदालत के तीन तलाक के फैसले की वैधता को लेकर महिला ने खटखटाया High Court का दरवाजा

रायपुर (Raipur) में एक शरिया अदालत (Sharia Court) चलने और उसके जरिये, हाल में “तीन तलाक” (Triple Talaq) का आदेश पारित करने की वैधता को चुनौती देते हुए, एक महिला ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (Chhattisgarh High Court) में एक याचिका दायर की है.

याचिकाकर्ता (Petitioner) ने यहां एक महिला पुलिस थाने (Woman Police Station) में अपने पति और ससुराल वालों के विरुद्ध शिकायत दर्ज (Complaint Filed) कराई थी, और ‘वन स्टॉप सखी’ (One Stop Sakhi) (महिलाओं के मुद्दे उठाने वाली संस्था) में उनकी कॉउंसलिंग (Counseling) विफल रही थी.

इसके बाद महिला के जरिये अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज (FIR registered) कराई गई थी, लेकिन महिला के पति ने ‘तीन तलाक’ के लिए अर्जी दी. महिला के वकील देवर्षि ठाकुर ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

महिला के ने इस आधार पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (High Court) में दायर की है याचिका (Petition)
महिला ने बिलासपुर स्थित उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा कि, “पिछले महीने यहां ‘इदारा-ए-शरिया इस्लामी अदालत’ (Idara-e-Shariah Islamic Court) ने उसके खिलाफ तीन तलाक का आदेश पारित (Order Passed) किया और महिला को अपनी बात कहने का कोई अवसर नहीं दिया गया, जो कि संविधान (Constitution) के तहत उसे मिले जीवन के अधिकार का उल्लंघन (Infringement of the Right to Life) है. उच्च न्यायालय (High Court) में बाद में याचिका पर सुनवाई होगी. उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ‘तीन तलाक’ की प्रथा को असंवैधानिक (Unconstitutional) बताते हुए, उस पर प्रतिबंध (Sanctions) लगा चुका है.

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