शासन के आदेश का खुले आम धज्जियां उड़ा रहा आयुष विभाग,
रायगढ़ आयुष विभाग मे जिला आयुर्वेद अधिकारी ने संविदा और नियमित अधिकारी कर्मचारी को अनावश्यक संलग्न कर रखा है,, जबकि किसी भी रूप मे शासकीय नियमित या संविदा चिकित्सक या कर्मचारी को उनकी पद स्थापना स्थान से अन्यत्र संलग्न करने का कोई नियम नहीं है , तत्संबंध में सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग रायपुर एवं संचानालय आयुष ने जिले के आयुर्वेद अधिकारी को स्पस्ट निर्देश दिये है इसके बावजूद जिला आयुर्वेद अधिकारी ने कई चिकित्सक एवं कर्मचारी से साँठगांठ कर एक विकास खंड से दूसरे विकास खंड, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र से सामान्य क्षेत्र मे सौ सौ दो दो सौ किलो मीटर मेपूर्ण कालिक दिवसों के लिये संलग्न कर दिया है शिकायत के बाद कुछ संविदा डॉ को मूल पद स्थापना स्थान वापस भेज दिया गया है कुछ आज भी जिला आयुर्वेद अधिकारी के खास बने हुए है और मूल पद स्थापना से अन्यत्र कार्य कर रहे है वर्तमान जिला आयुर्वेद अधिकारी से पूछो तो पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी के द्वारा आदेश किया जाना बतलाती हैं, जबकि संविदा डॉ की सेवा वृद्धि प्रतिवर्ष उनके मूल पस्थापना स्थान के लिये जिला आयुर्वेद अधिकारी अपने कार्य काल मे पिछले करीब दो वर्षो से आदेश करती आ रही हैं साथ ही इन संविदा वृद्धि आदेश मे ही अपने करीबी चिकित्सकों को रिमार्क टीप कर मूल पद स्थापना स्थान मे सेवा वृद्धि करते हुए अन्यत्र कार्य करने का आदेश करते आ रही है जिला आयुर्वेद अधिकारी जिले के मुख्य कार्य पालन अधिकारी और कलेक्टर को भी भ्रामक जानकारी देकर अनुमोदन करवा लेती है ,, राज्य शासन का स्पस्ट निर्देश होने के बावजूद निर्देशों का पालन न कर शासनादेश की अव मानना कर रही है,, निरंतर समाचार पत्रों मे छपने के बाद कुछ लोंगो को संलग्ननिकरणं को समाप्त करना किंतु कुछ लोंगो का यथावत रखना जिला आयुर्वेद अधिकारी की दोहरी नीति, तथा भ्रस्टाचार को दर्शाता है,,,,, विवादित छवि की धनी जिला आयुर्वेद अधिकारी को प्रभार से हटाया जाना नितांत आवश्यक है साथ ही इन्होंने अपने प्रभारकाल मे आयुष् विभाग को बदनामी के सिवा कुछ नही दिया है जिले मे थोड़ा बहुत आयुष विभाग को जाना भी जाता है तो वह व्यक्तिगत रूप से कुछ चिकित्सक की व्यक्तिगत रुचि लेकर की गई कार्य के कारण न कि जिला आयुर्वेद अधिकारी की कार्य प्रणालीके कारण बल्कि वर्तमान प्रभारी जिला आयुर्वेद अधिकारी के कार्य काल मे संचनालालय को प्रस्तुत आंकड़े भी फर्जी होना दर्शता है और इनके दवारा दर्शाये गये कार्य और लक्ष्य उपलब्धि लग भग् 90प्रतिशत काग़जो मे किये गये हैं, धरातल मे सिर्फ दस प्रतिशत कार्य किये गये है प्रभारी जिला आयुर्वेद अधिकारी के कार्य काल के दौरान किये गये समस्त कार्यों की जाँच की जानी चाहिए, चूंकि जिला आयुर्वेद अधिकारी एक ही स्थान मे पिछले करीब पंद्रह वर्षो सेKGH आयुष Wing रायगढ़ मे नियमित पदस्थ हैं तथा उसके पूर्व भी संविदा मे भी रायगढ़ जिले मे पदस्थ रही हैं तथा अवसर देख कभी किसी तो कभी किसी और राजनैतिक पार्टी को समर्थन देती और दिलाती आ रही हैविगत 15वर्षों सेएक ही स्थान मे पदस्थ रहने तथा जिला आयुर्वेद अधिकारी के पद पर प्रभार मे रहने तथा राज नैतिक स्वभाव के कारण इनका राजनितिक पार्टी के जन प्रतिनिधियों से भी घनिष्टा हैं तथा विभिन्न विधान सभा मे कार्यरत अपने अधीन कर्मचारीयों अधिकारियों को अपने पद और अधिकार का धौंस देकर स्वयं और कर्मचारीयों से भी किसी राजनैतिक पार्टी के पक्ष मे अप्रत्यक्ष रूप से कार्य करवाते आ रही है चुनावी वर्ष है अतएवं प्रभारी जिला आयुर्वेद अधिकारी रायगढ़ को जिले से बाहर स्थानांतरित कर देना चाहिए