
संचानालय मेरी मुट्ठी में ,,,,,, प्रभारी आयुष अधिकारी रायगढ़ आयुष विभाग.
रायगढ़,,, विभाग की छवि धुमिल करने तथा कालिख पोतने मे अमादा जिले की प्रभारी अधिकारी. ,,,,,गैर जिम्मेदार एवं भ्र्स्ट अधिकारी को तत्काल प्रभार से हटाना नितान्त आवश्यक ,,,, एक ही डिसपेन्सरी मे दो दो औषधालय सेवक का मामला,, हाई कोर्ट ने संचालक को दिये थे निर्देश ,,, लेनदेन कर प्रभारी अधिकारी ने मनमानी तरीके से स्वयम् ले लिया निर्णयअपने अधिकार का किया दुरुपयोग ,, एक औषधालय सेवक से विधि विपरित जिला कार्यालय मे संलग्न कर लिया जा रहा है काम ,, दो माह से औषधालय सेवक को नही दिया जा रहा है वेतन,,,,, रायगढ़. प्रभारी जिला आयुर्वेद अधिकारी की मनमानी का शिकार जिले का आयुष विभाग मे व्याप्त भर्राशाही की सुचि मे शामिल कई मामलो मे से एक मामला दो औषधालय सेवक नारायण पटेल और मुकेश नायक का है पुरा मामला इस तरह का है कि नारायण पटेल का स्थानानत्र्रण शासन ने शासकीय आयुर्वेद औषधालय पटेल पाली रायगढ़ से महासमुन्द जिला कर दिया था इनकी जगह पर महासमुन्द जिले से स्थानानत्रित होकर आये मुकेश नायक ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा अपनी duty करने लगे इस बीच नारायण पटेल ने अपने स्थानात्रण को लेकर high court मे याचिका डाल दी माननीय न्यायधीश महोदय ने संचालक आयुष को उचित निर्णय लेने निर्देशित किया मामला सन्चनालय मे लम्बित था निर्णय संचालक महोदय को लेना था मगर प्रभारी जिला आयुर्वेद अधिकारी ने मौके का फ़ायदा उठाते हुये लेनदेन कर स्वयम निर्णय ले लिया और नारायण पटेल को विधि विपरित कार्यालय मे संलग्न कर दिया ,पिछले दो माह से नारायण पटेल का वेतन आहरण नही किया जा रहा है भ्र्स्टाचार मे लिप्त आयुष विभाग की प्रभारी अधिकारी शुरु से उच्च अधिकारी जैसे सन्चनालय, कलेक्टर, जिला पंचायत, जन प्रतिनिधियो विधायको, मंत्री, और मिडिया को सत्यता से परे अपुष्ट, झूठी और भ्रामक जानकारी देते आ रही है अपने पद का दुरूपयोग कर रही है ,पैसे लेकर अपने चहेते चिकित्सको को अस्पताल न जाने, मुख्यालय मे न रहने, की छुट दे रखी है अस्पताल समय मे भी शासन द्वारा मुख्यालय हेतु निर्धारित आठ किलो मीटर की दुरी मे पदस्थ चिकितसक भी जिला मुख्यालय मे सन्चालित जिला आयुर्वेद अधिकारी के कार्यालय मे घुमते नजर आते है और जिला आयुर्वेद अधिकारी के विधि सलाह कार बन अपना उल्लु सीधा करते है तथा दूरस्थ अंचल मे ईमानदारी से कार्य कर रहे डाक्टरो के खिलाफ काना फ़ुसी कर स्वयम तो duty करते नही बल्कि काम करने वाले डाक्टरो बे वजह परेशान करवाया जाता है,,,प्रभारी अधिकारी के प्रभार लेते ही(1) रिश्वत लेकर विधि प्रतिकुल संविदा और नियमित चिकित्सको को उनकी मन्शा अनुरुप अस्पतालो मे सन्ग्निकरण करना, शिकायत होने पर अति करीबियो को छोड़ शेष को उनकी पद स्थापना स्थान मे वापस करना(2) जिले के विभिन्न केन्द्रो मे योग सहायक ,,योग शिक्षक एवम आयुष दीप समिती द्वारा चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यालय मे पदस्थ कर्मचारियों केपात्रता नही रखने के बावजूद सगे भाई, बेटी बेटा व बहनोई की पद स्थापना करना पात्र उम्मीद वार की योग्यता को नजर अन्दाज करना,( 3)शासकीय वाहन का दुरूपयोग करना एक ही दिन मे लोकल रायगढ़ मे चालीस चालीस किलो मीटर तक दौरा करना और ईधन के नाम पर विभिन्न fuel tankey / pump का फ़र्जी बिल् बना शासकीय राशि का आहरण करना (4)स्टेशनरी और अन्य सामग्री क्रय मे धाँधली करना (4)एक ही मरीजो को बार बार भर्ती दिखाना और उनके भोजन का फ़र्जी बिल् बनाकर वित्तीय अनिमितता करना (5)हेल्थ एन्ड वेलनेस सेन्टर के नाम पर आयुष मिशन के तहत प्राप्त राशि से उन्नयन हेतु चयनित आयुर्वेद डिसपेन्सरी के अपुर्ण एवम घटिया निर्माण कार्य को संतोषप्रद का प्रमाण पत्र देकर आवंटित राशि का बन्दर बाट किया जाना ( 5)शासनादेश पर स्थानान्त्रित चिकित्सक को कार्य मुक्त नही करना( 6)उच्च अधिकारीयो को गुमराह कर भ्रामक और फ़र्जी तथा झूठी जानकारी देकर चिकितसको से व्यक्तिगत रन्जिश रखते हुये उनके भविष्य के साथ अहित करना (6)सचिव, सन्चालक न्यायालय आदि के आदेशों की अवहेलना और अवमानना करना ,(7) सुचना के अधिकार का मजाक बनाना आवेदक को अपुर्ण, और भ्रामक जानकारी देना तथा असत्यापित जानकारी देना आदि जैसे कृत्य किये जा रहे है . संचालक को ठेंगा दिखा रही प्रभारी अधिकारी को पद से हटा किसी अन्य योग्य चिकित्सक को प्रभार दिया जाना आयुष हितार्थ नितान्त आवश्यक है,,,