सकारात्मक सोच और बुलंद जज्बा के साथ ही साथ बेहतर खान पान से होगी कोरोना पर जीत
रायगढ़. । इन दिनों देश-प्रदेश सहित जिले में कोरोना संक्रमण पूरी तरह फैल चुका है इस कारण ज्यादातर लोग तनाव में दिख रहे हैं। हालांकि यह समय तनाव की नहीं सयमं रखने की जरूरत है इस संबंध में मानसिक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना एक महामारी का रूप ले लिया है इस कारण ज्यादातर लोग तनाव में आ रहे हैं। इस कारण बीमारी कम होने के बजाय ज्यादा खतरनाक होते जा रहा है। इससे डाक्टरों का कहना है कि जब कोई आदमी किसी बात को लेकर तनाव करता है तो उसके शरीर से कार्टिसॉल हार्मोन निकलता है, जो लडऩे व भागने में सहायता करता है ऐसे में इन दिनों कोरोना का नाम सुनते ही लोग लडऩे के बजाय भागना पसंद कर रहे हैं। इस कारण कम लक्षण वाले मरीजों की संख्या भी गंभीर हो जा रही है और बीमारी से लडऩे के बजाय भाग रहे हैं, ऐसे में अगर १५ दिन के आंकड़ों पर गौर करें तो अस्पताल का पूरा बेड फूल हो गया है। ज्यादातर लोग तनाव के कारण उनको लगता है हमारी सांसे रूक रही है, साथ ही अगर घर में रहे तो हमारा पूरा परिवार संक्रमित हो सकता है, इस कारण लोग अस्पताल जाना पसंद कर रहे हैं। साथ ही तनाव के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जा रही है और मरीजों की स्थिति गंभीर हो जा रही है। ऐसे में तनाव मुक्त होकर बीमारी से लडऩे का समय है।
इस संबंध मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश अजगल्ले ने बताया कि बिते साल में लोगों द्वारा कोरोना गाइड लाईन का अच्छी तरह से पालन किया गया था, इस कारण बहुत कम लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन इस बार केस कम होते ही लोग मास्क लगना व समाजिक दूरी बनाना कम कर दिए थे, इस कारण अभी स्थिति भयावह हो गई है। ऐसे में घर से निकलने के पहले मास्क लगाकर ही निकलना चाहिए। साथ उनका कहना है कि मास्क ९५ प्रतिशत किटाणु से सुरक्षा करता है, साथ ही त्रिपल लेयर मास्क लगना चाहिए। इस दौरान मास्क को लाईट में देखना चाहिए जिसमें लाइट धूंधला दिखे उसी मास्क का उपयोग करना चाहिए, बहुत से लोग नार्मल मास्क लगाकर निकल जाते हैं, लेकिन ऐसे मास्क लगाने से कोई फायदा नहीं है।
खान-पान का रखे खाश ध्यान
यूनिटी बढ़ाने के लिए खान-पान का ध्यान रखना ज्यादा जरुरी है। इस कारण तेल-मशाला वाला खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए, साथ ही राजमा, छोले, नीबू गर्म पानी के साथ लेना चाहिए, वहीं अंडा से भी बिटामिन ई बनता है। इन सब खाद्य पदार्थ का सेवन करने से शरीर में आवश्यक बिटामिन का पूर्ति होता है। इसके साथ ही सेहत के लिए नींद काफी जरूरी है। क्योंकि नींद पूरी नहीं होने से हार्मोन्स यूनिटी को कम करता है। ऐसे में तनाव मुक्त रहकर बंद कमरे में रहने से बचना चाहिए, साथ ही पंखा-कूलर चलाकर रहना चाहिए।
मानसिक रूप से तनाव लेने से कार्टिसोल हार्मोन्स शरीर से बाहर निकलता है। जो यूनिटी को कम कर देता है। ऐेसे में बीमारी से लडऩे की क्षमता कम होने से बीमारी हावी हो जाता है, इस कारण लोगों को तनाव मुक्त रह कर ही बीमारी से लड़ सकते हैं।
डॉ. राजेश अजगल्ले, मानसिक रोग विशेषज्ञ, मेकाहारा