
रायगढ़। मिली जानकारी के अनुसार जिला ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश में पुलिस के जवान काफी तनाव में रहते है। जिसका मुख्य रूप से उनकी मानसिक रूप से तनाव का बिगड़ना बताया जा रहा है
कुछ महीने पहले एक सर्वे में कहा गया था कि मानसिक तनाव की वजह से पुलिस के जवान आत्महत्या जैसे कदम भी आसानी से उठा ले रहे हैं वही तनाव से इतने ग्रस्त रहते हैं कि अपने उच्च अधिकारी या फिर अपने करीबी मित्र पर भी बंदूक उठाने में पीछे नहीं हटते जिसका मुख्य कारण पुलिस जवानों भारी कमी
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस जवान के साथ-साथ प्रदेश के आंतरिक सुरक्षा लगे सभी भी जगह जवानो की सबसे बड़ी कमी है जिसका प्रमाण नक्सली बेस्ट में देखा जा सकता है जहाँ जवानो की सहादत हुई थी
सप्ताहिक छुट्टी की तो बात ही छोड़िए पुलिस जवानों के घर में कोई उत्सव भी रहता है तो कभी-कभी वीआईपी ड्यूटी के चक्कर में छुट्टी नहीं मिल पाती जिससे अपने परिवार के साथ समय नहीं बिता पुलिस ही नही इनसे जुड़ी आतंरिक सुरक्षा की बात करें तो डबल तिबल ड्यूटी करना पड़ रहा है जिसको लेकर काफी थक जा रहे हैं जिसकी वजह से उनकी मानसिक और शारीरिक दोनों पर काफी असर हो रहा है
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 2013 के बाद से पुलिस विभाग में अब तक कोई भी भर्ती नहीं हुई है वही बाकी सुरक्षा की दृष्टि में लगी एजेंसियों का हाल है वही प्रदेशसरकार की बात करें तो हाल फिलहाल में कई जिले और कई नए नए थाने का निर्माण हुआ इस दृष्टि से भी नजर डाला जाए तो पुलिस जवानों की कमी होना लाज़मी है इसके अलावा पुलिस विभाग को अन्य विभागों अन्य विभागों के साथ मिलकर भी कार्य करना पड़ता है कोई आधुनिक मुहैया नहीं कराई जाती है वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा बार-बार यही बोला जाता है कि पुलिस को आधुनिकीकरण किया जाता है जबकि जमीनी हकीकत बौना साबित होता है
पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा कई बार प्रदेश सरकार को इसकी सूचना दिया है जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई
प्रदेश सरकार को गंभीरता को समझते हुए तुरंत ही पुलिस विभाग में और प्रदेश की सुरक्षा में जुड़ी जवानो की भर्तियां निकालकर रिक्त पदों को भरना चाहिए नहीं तो यूं ही प्रदेश सरकार अपने पुलिस जवानों के आत्महत्या और आपसी रंजिश को लेकर मातम मनाती रहेगी