फिर मिला हाथी का शव: सूरजपुर में दो माह में दूसरी घटना, इस बार करंट लगाकर मारने की आशंका

घुई रेंजर संस्कृति बारले ने बताया कि हाथी का शव मिला है। शव को पोस्टमार्टम के बाद उसकी मौत के कारणों का पता चल सकेगा। ग्रामीणों की ओर से बताया गया है कि फसलों की रखवाली के लिए कुछ लोगों ने करंट लगाकर तार डाल रखे थे। इसी की चपेट में आने से मौत हुई है। फिलहाल ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है।

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में रविवार सुबह एक नर हाथी का शव मिला है। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम हाथी के शव का पोस्टमार्टम करा रही है। आशंका है कि करंट लगाकर हाथी को मारा गया है। बताया जा रहा है कि खेतों कर रखवाली के लिए ग्रामीणों ने तार लगा रखा था। हाथी की मौत के बाद उसे हटा दिया है। हालांकि अफसरों का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा।

हाथी के शरीर पर करंट के निशान
जानकारी के मुताबिक, घुई वन परिक्षेत्र के ग्राम पकनी में रविवार सुबह नर हाथी का शव जंगल किनारे खेतों के पास पड़ा था। ग्रामीणों ने शव देखा तो वन विभाग के अफसरों को सूचना दी। इसके कई घंटे बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बताया जा रहा है कि हाथी के शरीर पर करंट के निशान मिले हैं। मृत हाथी की उम्र करीब 20 से 22 साल के बीच बताई ला रही है। पिछले दो माह के दौरान ये दूसरे हाथी का शव जिले में मिला है।

ग्रामीणों के लिए मुसीबत बने हाथी
सूरजपुर और बलरामपुर जिले के सरहदी क्षेत्र में हाथी लगातार विचरण कर रहे हैं। हाथी जनहानि के साथ ही फसलों को भी बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचा रहे हैं। क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसानों ने गन्ने की फसल लगाई है। इसको नुकसान से बचाने के लिए ग्रामीण कई स्थानों पर तारों की फेंसिंग कर करंट लगा दिया जाता है। इसकी चपेट में आकर हाथियों की भी मौत हो रही है। हालांकि इस तरह फेंसिंग करने पर रोक है।

अक्तूबर में भी मिला था हाथी का शव
इससे पहले प्रतापुर वन मंडल में करीब तीन माह पहले अक्तूबर में भी एक मादा हाथी का शव मिला था। उसके चेहरे और सिर पर चोट के निशान थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि किसी नर हाथी से हुई लड़ाई में उसकी मौत हुई है। वहीं 11 माह पहले करंट लगने से भी एक मादा हाथी की मौत हो गई थी। प्रतापपुर, रमकोला और घुई क्षेत्र में विद्युत विभाग की ओर से लगाए गए तार नीचे झूल रहे हैं। जिसकी चपेट में भी हाथी आ रहे हैं।

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