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तीसरी लहर दे रही है दस्तक? फिर नए केस 40 हजार के पार, एक्टिव मामले भी तेजी से बढ़े

कोरोना की दूसरी लहर से लंबे समय से राहत जैसी स्थिति थी, लेकिन एक बार फिर से आफत बढ़ती दिख रही है। महज एक दिन में फिर से 40 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 44,658 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही एक्टिव मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती हुई 3,44,899 हो गई है। यही नहीं नए केसों में बढ़ोतरी से एक्टिव केसों का प्रतिशत भी अब 1.06 फीसदी हो गया है, जो इसी सप्ताह की शुरुआत में 1 पर्सेंट से भी कम हो गया था। यही नहीं इसके चलते रिकवरी रेट में भी कमी आई है और यह अब 97.60% हो गई है।

रिकवर होने वालों की घट रही संख्या, बढ़ रहे नए मामले

कोरोना के एक्टिव केसों में इजाफे की एक वजह यह भी है कि नए मामलों की तुलना में रिकवर होने वाले लोगों की संख्या घट रही है। एक तरफ दो दिनों से लगातार 40 के पार केस मिल रहे हैं तो वहीं रिकवर होने वाले लोगों की संख्या कम है। बीते एक दिन में 32,988 लोग कोरोना को मात देकर आए हैं। इससे पहले गुरुवार को एक दिन में 46 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए थे और अब एक बार फिर से 44 हजार केस मिलने से चिंताएं बढ़ गई हैं। देश के तमाम राज्यों में स्कूलों, जिम और मॉल जैसे संस्थानों के खुलने पर अब केसों में इजाफे ने चिंताएं बढ़ी दी हैं। ऐसे में सख्ती का दौर एक बार फिर से लौट सकता है।

उत्तर भारत के राज्यों में राहत, केरल से बढ़ी आफत

हालांकि देश भर में नए केसों की रफ्तार कम है, इनमें बड़ी हिस्सेदारी केरल की ही है। अकेले केरल से ही कुल कोरोना केसों के 70 फीसदी मामले सामने आ रहे हैं। केरल में लगातार दो दिनों से 30 हजार से ज्यादा नए केस मिल रहे हैं और उसके चलते ही देश भर में केसों में इजाफा देखने को मिल रहा है। हालांकि यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अब भी पहले के मुकाबले काफी राहत है। इन राज्यों में नए केस सैकड़ों में ही है, जबकि केरल और महाराष्ट्र में आंकड़ा हजारों में है।

टीकाकरण में तेजी से बढ़ी उम्मीद, पहले जैसी नहीं आएगी अब लहर

कोरोना के नए केसों में तेजी से इजाफे के बीच राहत की बात यह है कि देश में वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से चल रहा है। अब तक 61.22 करोड़ टीके देश भर में लगाए जा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आती भी है तो फिर वह पहले जैसी घातक नहीं होगी।

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