
रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 6 नवंबर 2024 को एक निर्माणाधीन मकान में काम करते समय 11 केवी हाईवोल्टेज करंट की चपेट में आने से 26 वर्षीय राजमिस्त्री गणपत सोनी की दर्दनाक मौत हो गई थी। परिजनों ने साफ तौर पर मकान मालिक, ठेकेदार और विद्युत विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया था। घटना के बाद 14 नवंबर को कलेक्टर, एसपी और विद्युत विभाग सहित संबंधित अधिकारियों को आवेदन सौंपा गया था। लेकिन 8 महीने बीतने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
घटना का संक्षिप्त विवरण….
मृतक गनपत सोनी पिता द्वारका सोनी राजमिस्त्री के रूप में सपोस के ठेकेदार फणिंद्र पटेल के अधीन कोतरा रोड़ थाना क्षेत्र कोसमनारा के एक आनद चौबे के निर्माणाधीन दो मंजिला भवन में पिछले सात माह से कार्य कर रहा था। इस दौरान 6 नवंबर 2024 को दोपहर लगभग 2 बजे वह खिड़की के ऊपर छज्जा ढलाई कर रहा था, तभी ऊपर से गुजर रही 11 केवी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। तेज झटका लगने से वह लगभग 20 फीट ऊंचाई से नीचे गिरा और गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के दौरान रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में उसकी मृत्यु हो गई।
निर्माण में घोर लापरवाही….
परिजनों का कहना है कि जिस भवन पर काम चल रहा था वह हाईवोल्टेज लाइन के ठीक नीचे बिना किसी विद्युत विभागीय अनुमति के बन रहा था। सपोस के ठेकेदार और मकान मालिक को पहले ही चेताया गया था, फिर भी निर्माण कार्य नहीं रोका गया। प्लास्टिक की पाइप से करंट रोकने का बचकाना इंतजाम किया गया था, जो हादसे का कारण बना।
अब न्यायालय से उम्मीद….
सरकारी तंत्र से निराश पीड़ित परिजनों ने अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। 4 अगस्त 2025 को इस मामले में सुनवाई होनी है। परिजन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई और उचित मुआवजा की मांग को लेकर न्याय की अंतिम उम्मीद में अदालत पहुँचे हैं।
अब सवाल यही है कि…
क्या एक मेहनतकश मजदूर की जान की कोई कीमत नहीं? मामला अखबारों में भी सुर्खियों में रहने और 8 महीने बाद क्यों प्रशासन मौन है?…
अब जब अदालत ने संज्ञान लिया है, क्या प्रशासन नींद से जागेगा?…
समय है कि शासन-प्रशासन मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने की दिशा में तुरंत ठोस कदम उठाए और दोषियों को सजा व मुआवजा दिलवाया जाए।
