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छत्‍तीसगढ़ में फार्मासिस्टों के पंजीयन में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, काउंसिल की बैठक में आज उठेगा मुद्दा

छत्‍तीसगढ़ में 4,000 फार्मासिस्टों का पंजीयन छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में बगैर दस्तावेज के कर दिया गया है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल कह रहा है कि फार्मासिस्टों के दस्तावेज मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल में थे किंतु वहां हुई आगजनी में जल गए हैं।

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में 4,000 फार्मासिस्टों का पंजीयन छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में बगैर दस्तावेज के कर दिया गया है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल कह रहा है कि फार्मासिस्टों के दस्तावेज मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल में थे किंतु वहां हुई आगजनी में जल गए हैं। दूसरी ओर सूचना के अधिकार के तहत मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल में मांगी गई जानकारी में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में पंजीकृत फार्मासिस्टों का उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। आगजनी में दस्तावेज जलने की बात भी गलत है।

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (आइएफए) ने स्वास्थ्य सचिव को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। आइएफए छत्तीसगढ़ के सचिव राहुल वर्मा तथाा राज्य समन्वयक वैभव शास्त्री का कहना है कि छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल का फर्जी पंजीयन घोटाला सामने आने के बाद भी कोई जांच नहीं हुई है। फर्जी तरीके से पंजीयन कराने वाले एक व्यक्ति अश्विनी विज को फार्मासिस्ट काउंसिल में सदस्य भी निर्वाचित कर दिया गया था।

अब इनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है परंतु आइएफए का आरोप है कि इनकी मदद से वर्षों तक पंजीयन में फर्जीवाड़ा की गतिविधियों को संरक्षण दिया जाता रहा है। वर्तमान में भी बड़े अधिकारियों के संरक्षण में दूसरे राज्यों से आने वाले फार्मासिस्टों का बिना दस्तावेज परीक्षण किए पंजीयन किया जा रहा है। जिस राज्य से ये आवेदक आ रहे हैं वहां की राज्य की काउंसिल से आवेदक की पुष्टि कराने की औपचारिकता का भी पालन नहीं किया जा रहा है।

अधिकांश अनुभव आधारित
पृथक छत्तीसगढ़ बनने के बाद मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी काउंसिल में पंजीकृत यहां के फार्मासिस्टों ने छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन करवाया। इनमें से अधिकांश अनुभव आधारित फार्मासिस्ट हैं।

बिना नियम के आजीवन पंजीयन
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने वर्ष-2007 में 7000 से अधिक फार्मासिस्टों का आजीवन पंजीयन कर दिया है, जबकि आजीवन पंजीयन का नियम ही नहीं है। सिर्फ पांच वर्ष के लिए पंजीयन का प्रविधान है। हर पांच वर्ष में नवीनीकरण कराना होता है।

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. श्रीकांत राजिमवाले ने कहा, जानकारी मिली थी कि पुराने दस्तावेज मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल में जल गए थे। किन-किन लोगों के दस्तावेज नहीं हैं, जांच कराएंगे।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर प्रसन्ना ने कहा, इस संबंध में छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार से जानकारी लेता हूं। गड़बड़ी हुई है तो संबंधितों पर जरूर कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, फार्मासिस्टों के फर्जी पंजीयन की शिकायत मिली है। मामला पेचीदा व गंभीर है। जांच समिति गठित कर जांच कराएंगे।

काउंसिल की बैठक में आज उठेगा मुद्दा
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल की बैठक आज 17 नवंबर को रखी गई है, जिसमें सभी सदस्य शामिल होंगे। बैठक में फर्जी फार्मासिस्टों के पंजीयन का मुद्दा मुख्य होगा। आइपीए छत्तीसगढ़ के सचिव सचिव राहुल वर्मा, राज्य समंवयक वैभव शास्त्री ने काउंसिल पर आरोप लगाया है कि 10 से 25 हजार रुपये लेकर फर्जी फार्मासिस्टों का पंजीयन कराया जा रहा है। फर्जीवाड़े पर कार्रवाई नही होने से यह साफ है कि बड़े अधिकारियों की मिलीभगत है। इस मामले में गुरुवार को फार्मेसी काउंसिल का घेराव किया जाएगा।

नंबर गेम
25000 से अधिक फार्मासिस्ट पंजीकृत हैं छत्तीसगढ़ में
7000 फार्मासिस्टों का नियम विरुद्ध आजीवन पंजीयन

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