खाकी हमारी सुरक्षा में सदैव तत्पर

एमसीबी से रईस अहमद की रिपोर्ट

अन्य सरकारी कर्मचारियों की तुलना में पुलिस का कार्य विशेष महत्त्वपूर्ण होता है । समाज में कानून और व्यवस्था को बनाये रखना, सशक्त से अशक्त की रक्षा करना, उनका कानूनी ही नहीं नैतिक दायित्व भी होता है। खाकी वर्दी पहने सैनिक जब दिन और रात तत्परता से अपनी ड्यूटी करते हैं तब घरो के अंदर हम चैन की नींद सोते हैं। हमने अक्सर सुना होगा कि पुलिस की ड्यूटी बड़ी ही कठिन होती है जनता से लेकर नेताओं तक की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर ही होती है जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है।

उपनिरीक्षक से निरीक्षक पदोन्नति तक
ऐसे ही एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी की बात हम आपको बताने जा रहे हैं जो अभी मनेंद्रगढ़ सिटी कोतवाली में निरीक्षक के पद पर पदस्थ है। सचिन सिंह जिला बनने से पहले मनेंद्रगढ़ थाना में उपनिरीक्षक होते हुए अपने काबिलियत के दम पर थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ रहे हैं और आज प्रमोशन के बाद भी मनेंद्रगढ़ सिटी कोतवाली में प्रभारी के रूप में पदस्थ हैं। सचिन सिंह के प्रभारी रहते मनेंद्रगढ़ सिटी कोतवाली ही नहीं एमसीबी,कोरिया जिला और सरगुजा संभाग में इन्होंने कई गंभीर अपराधों के खुलासे किए हैं।

पिता ले रहे हैं अंतिम सांस पर ड्यूटी है जरूरी।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाना पुलिस के खिलाफ खबरें लगना यह तो हमने अक्सर देखा है लेकिन पुलिस की उस परिस्थिति को हम आपको बताने जा रहे हैं जिस परिस्थिति में हम और आप शायद ही सब्र कर पाते। थाना प्रभारी सचिन सिंह जी के पिता कई दिनों से बीमार चल रहे हैं लगातार उनका इलाज अस्पताल में जारी है लेकिन इलाज से उनको कोई आराम नहीं मिला और अब वह दिन आ चुका है जब डॉक्टरों ने थाना प्रभारी को फ़ोन पर जवाब दे दिया और कहा कि आपके पिता एक या दो दिन के ही मेहमान हैं। आंखों में आंसू लेकर रो नहीं सकते सिटी कोतवाली के दबंग पुलिस अधिकारी है। पिता को अंतिम सांसे लेते देखने घर नहीं जा सकते क्योंकि अगले दिन छत्तीसगढ़ सीएम मनेंद्रगढ़ एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे की शादी में आ रहे हैं। इंतजार है बस कि सीएम मनेंद्रगढ़ से वापस राजधानी चले जाए ड्यूटी सकुशल निभ जाए। डर है कि इस बीच कोई खबर ना आ जाए कैसे ड्यूटी में अपने आप को संभाल पाएंगे। खैर मृत्यु ही एक अंतिम सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता और जो भी खबर आएगी उसे नम आंखों से स्वीकारना पड़ेगा।

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