अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा:-जिले के तमनार थाना क्षेत्र अंतर्गत कुंजेमुरा (हुंकराडिपा) चौक में ग्रामीणों ने आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है। हाथों में डंडा लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बीच सड़क में बैठ गए हैं। जिससे वाहनों के पहिए थम गए हैं, गाड़ियों की लंबी कतारें लग चुकी है। प्रशासनिक अमला भी मौके पर आ गया है, समझाइश का दौर शुरू हो चुका है। अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी पर बैठे क्षेत्र के प्रभावित ग्रामीण भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। कुछ देर तक समझाई देने के बाद प्रशासनिक अमला पुनः अपने कार्यालय की ओर वापस लौट चुका है। आक्रोशित ग्रामीण सड़क और टेंट के नीचे जमे हुए हैं।
ग्रामीणों की तीन प्रमुख मांगे-
अनफिट दौड़ रही गाड़ियां बंद की जाए– आर्थिक नाकेबंदी पर बैठे ग्रामीणों के द्वारा क्षेत्र की सड़कों पर चलने वाली अनफिट गाड़ियों को बंद करने की मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि 20 चक्का ट्रेलर वाहनों के चालकों द्वारा एक्सेल को उठाकर चलाया जा रहा है, तो वहीं कुछ भारी वाहनों में एक्सल पर टायर ही नहीं है। जिन पर कार्यवाही की जाए।
फ्लाई एस के समस्या समाप्त हो– औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण की मार झेल रहे लोगों के लिए फ्लाई एश की समस्या नासूर बनती जा रही है। सड़कों से लेकर, खाने पीने की चीज व फसलों को भी उद्योगों से निकलने वाला फ्लाईएश बर्बाद कर रहा है। लोगों की मांग है कि किसानों के खेत में भी फ्लाई एस डंपिंग कर दिया जा रहा है, ऐसे व्यवस्थित ढंग से फ्लाईएश डंपिंग करने वाली कंपनियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जाए।
क्षेत्र के आदिवासी लोगों की जमीन को गैर आदिवासी लोगों के नाम पर रजिस्ट्री कराई गई है। उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
प्रमुख मांग– तमनार तहसील में पदस्थ अधिकारी अनुज पटेल को तमनार तहसील से हटाया जाए !! कोल ब्लाक के लिए आवंटित जमीन पर निवास करने वाले मिलुपारा, लालपुर,उरबा, पेलमा,सक्ता, हिंझर,मडवाडुमर,जरीडीह सहित 14 गांव के लोगों में अनुमति के बगैर सर्वे कराए जाने को लेकर आक्रोश जाहिर कर रहे है। वहीं आर्थिक नाकेबंदी पर बैठे लोगों के द्वारा तमनार तहसील में पदस्थ अतिरिक्त तहसीलदार अनुज पटेल को तुरंत तमनार तहसील से हटाने की मांग की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
दरसल,गारे पेलमा सेक्टर 1 कोल ब्लॉक वर्ष 2010 में एसईसीएल को दी गई है। जिसमे लालपुर, उरबा, पेलमा, सक्ता, जरहीडीह सहित 14 गांव शामिल हैं। कोल ब्लाक से प्रभावित होने वाले गांव के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। जिसके लिए कोयला सत्याग्रह भी चलाया गया था, साथ ही प्रभावित ग्रामीणों के द्वारा तीन दिवसीय पदयात्रा भी निकाली गई थी, जिसकी शुरुआत पेलमा गांव से हुई थी और कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध पत्र कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टीस, हाईकोर्ट के चीफ जस्टीस, हाईकोर्ट एवं राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया था।
गुरुवार को सर्वे के लिए गई थी टीम
बीते गुरुवार को एक टीम सर्वे करने के लिए प्रभावित गांव में पहुंची थी। तभी ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई और वो भी मौके पर पहुंच गए। देखते ही देखते नोकझोंक शुरू हुई और विवाद बढ़ गया। जिसके बाद सर्वे के लिए आई टीम वापस लौट गई।
कलेक्टर से हुई थी शिकायत, नही हुई कार्यवाही
सर्वे करने के लिए आई टीम के साथ विवाद होने के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे थे। जहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गलत तरीके के सर्वे कार्य पर लिप्त अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त किए जाने की मांग की गई थी। साथ ही ग्रामीणों के द्वारा यह चेतावनी दी गई थी कि अगर उनकी मांगे पूर्ण नहीं की जाती है तो वह आगामी 28 अप्रैल को हुंकराडिपा चौक पर आर्थिक नाकेबंदी करेंगे।
ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कोयला प्रभावित क्षेत्र तमनार जो अनुसूचित 5 के तहत आता है। इस क्षेत्र में ग्राम सभा के अनुमति के बिना किसी प्रकार की परियोजना के लिए सर्वे या अन्य कार्य नहीं किया जा सकता। इन सब कार्यों के लिए ग्राम सभा से प्रस्ताव करवाना अनिवार्य है। इसके बाद भी बीते 20 अप्रैल को कोयला प्रभावित क्षेत्र पेलमा, उरबा, मीलूपारा, जरहीडिह, लालपुर, सक्ता, मडवाडुमर, हिंझर में बिना पंचायत को सूचना दिए सर्वे कार्य कराया जा रहा था।वही तमनार तहसील में पदस्थ तहसीलदार लीलाधर चंद्रा से सवाल किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि यह कार्य उनकी जानकारी में नहीं है। इस बात को लेकर ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया कि अनुज पटेल जबरन अपने पद का दुरुपयोग करते हुए क्षेत्र में सर्वे कार्य करवा रहे हैं।