
दिलीप कुमार वैष्णव
कोरबा छत्तीसगढ़ – घने पेड़ों से घिरे हरियाली का प्रतीक कोरबा नगरी में भू माफिया सक्रिय है जो कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा जोर शोर से कर रहा है और अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हरे पेड़ों की बलि चढ़ा रहे है इस पूरे मामले में यहां के वन विभाग, नगर निगम, प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही भी है जिसके चलते भू माफिया के विरुद्घ कोई कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अब जगह- जगह हरे भरे पेड़ की जगह ठूंठ नजर आ रहे हैं।
कोरबा के बुधवारी बाईपास (सब स्टेशन) के बाजू में पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों पेड़ काट दिए गए हैं। जिसमें सिर्फ पेड़ की ठूंठ ही नजर आ रहे हैं। किसी को दुकान के लिए, किसी को गैरेज के लिए जमीन चाहिए, किसी को होटल के लिए, घर बनाने,किसी को खाना बनाने लकड़ी चाहिए।कोरबा में बिना किसी सरोकार,बे वजह हरे – भरे पेड़ काटकर पर्यावरण को बेतहाशा क्षति पहुंचाई जा रही है।
जिम्मेदार मूकदर्शक बने बैठे हुए हैं कार्यवाही ना होने से दिनोंदिन लोगों के हौसले बढ़ते चले जा रहे हैं।
इस प्रकार अतिक्रमण करने, पेड़ काटने की आजादी यहां वन विभाग और नगर निगम की लचीली व्यवस्था के कारण होता जा रहा है।
कोरबा में तीन विभाग नगर निगम, वन विभाग, राजस्व यहअतिक्रमण को बढ़ने के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। यदि यह तीनों इकाई तुरंत कार्यवाही नहीं करती तो बुधवारी बाईपास का बुरा हश्र हो जाएगा।