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लाखों का सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ औचित्य क्या है पूरा मामला


//कमीशन के लालच में कार्य स्वीकृति, बेवजह निर्माण ठेकेदारों को पहुंच रहा लाभ//
// 2 साल से उपयोग नहीं होने से लटक रहे ताले//

नरायण साहू जशपुर /कोतबा न्यूज
नगर पंचायत में लाखों रुपए खर्च कर किया गया सामुदायिक शौचालय का निर्माण अब औचित्य साबित हो रहा है। या फिर यूं कहें कि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने इस निर्माण कार्य को बेवजह कराया गया है। विदित हो कि नगर के कारगिल चौक में लाखों रुपए से निर्माण कराया गया सामुदायिक शौचालय बीते 2 साल पूर्व ही बन चुके लेकिन शौचालय कौड़ी काम नहीं आ रहा। जिसके कारण सामुदायिक शौचालय में ताला लगा दिया गया है।
वहीं नगर पंचायत द्वारा सामुदायिक शौचालय का संचालन करने कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा क्योंकि यहां के जिम्मेदार ही खुद ये तर्क दे रहे हैं, कि नगर में पहले से ही सभी घरों में शौचालय बन चुके हैं इसीलिए वे लोग तो पैसे देकर इसका उपयोग नहीं करेंगे। नगर में शहरों की तरह बाहरी व्यक्तियों का भी आना भी नहीं होता जिससे इस्तेमाल होता। जिसके चलते संचालन कैसे करेंगे।
ऐसे में नगर पंचायत ने निर्माण होने के बाद ताला लगाकर लावारिश की तरह अपने हाल में छोड़ दिया है। ऐसे में शासन के लाखों-करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं लेकिन फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा। लेकिन ठेकेदारों को काम और अधिकारियों को इसका कमीशन जरूर मिल रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ हो चुके नगर में सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को प्रसाधन की व्यवस्था सुलभ रुप से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। मगर विडंबना है कि इसका निर्माण पूर्ण होने पर भी इसका कोई इस्तेमाल नहीं होना बेवजह निर्माण कराकर शासकीय राशियों का बंदरबांट को इंगित करता है।

//संचालन का फंसा पेंच, चलाने को कोई तैयार नहीं//

लोगों ने बताया कि सामुदायिक शौचालय का निर्माण गलत जगह में होने के कारण इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं बस स्टैंड से काफी दूर है जिससे बसों में सफर करने वाले यात्रियो भी नहीं पहुंच पाते है, इसकारण भी इसका उपयोग नहीं होता है। जिसको भी एक कारण माना जा रहा है। अब पूरे मामले में सामुदायिक शौचालय के निर्माण पूर्ण के बाद संचालन का पेंच फंसा हुआ है क्योंकि संचालन के लिए किसी तरह का फंड नहीं मिलने वाला। पंचायत को ही स्वीपर से लेकर सफाई कर्मी और देखरेख का भार आएगा। स्वच्छता समिति, महिला समूह या कर्मचारी नियुक्त करना पड़ेगा जिसको हर माह वेतन भी देना होगा। ऐसे स्थिति में नगर प्रशासन भी इसे लेकर हाथ खींच रही है।

वर्सन –
डॉ रवि मित्तल, कलेक्टर जशपुर
सामुदायिक शौचालय लोगों के सुविधा के लिए निर्माण कराया गया। निर्माण पश्चात अगर ताले लगे हैं तो इसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

बसंत बुनकर, सीएमओ कोतबा।
सामुदायिक शौचालय का निर्माण पूर्ण हैं, अगर बंद है तो आज ही खुलवाया दिया जा रहा है।

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