
फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का हुआ शुभारम्भ……..
जिले के हर व्यक्ति को फाइलेरिया की दवाई खिलाकर जड़ से किया जाएगा उन्मूलन
जशपुर, बगीचा 27 फरवरी 2025/ जिले को फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को ब्लॉक बगीचा में नगर पंचायत अध्यक्ष, पार्षद,BDC के माध्यम से फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगीचा में MDA कॉर्नर में वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आर एन दुबे के द्वारा फाइलेरिया MDA का दवा सेवन का शुभारंभ किया गया, एवं CHC के अन्य डॉक्टर्स के द्वारा प्राथमिक रूप से दवा सेवन किया गया, साथ ही सभी सेक्टर ,सब सेंटर में फाइलेरिया MDA सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
कुल 419 बूथ (स्कूल /आंगन बाड़ी)838 दवा प्रशासक (मितानिन आंगन बाड़ी कार्यकर्ता) के द्वारा ,एवं 64 बूथ सुपर वाइजर (समस्त RHO पुरुष एवं ANM /CHO) के साथ 10 सेक्टर सुपर वाइजर एवं 10 सेक्टर डॉक्टर/प्रभारी एवं BC ,MT के निगरानी में फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन ( Tab Albrndazol, D.E.C., Ivermectin) का सेवन कराया जाना शुरू होना किया गया। ब्लॉक स्तर से विकासखंड चिकित्सा अधिकारी,BPM,BEE ,MTS के मार्गदर्शन/निगरानी साथ ही WHO के सदस्य विनोद कुमार पैंकरा एवं PCI India (NGO) से प्रियांशु शर्मा द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग किया जा रहा है। साथ ही अन्य स्टाफ के द्वारा भी दवा सेवन किया गया है। स्वामी आत्मानंद स्कूल बगीचा/आंगबाड़ी ,SHC रूपसेरा अंतर्गत ब्लॉक स्तर पर उदघाटन किया गया।स्कूल के प्रिंसिपल,टीचर्स अन्य सभी अधिकारियों सहित विद्यार्थियों ने भी फाइलेरिया की दवाइयों का सेवन किया।
इस अवसर पर बीएमओ सुनील लकड़ा ने कहा कि फाइलेरिया जैसी बहुत सारी बीमारियों हैं जिनका अगर ट्रांसमिशन सायकल को ब्रेक कर दिया जाए तो बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। इस मास ड्रग कार्यक्रम का उद्देश्य है कि इस बीमारी के फैलाव को रोक कर इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जाए। अगर यहां हर कोई यह संकल्प ले कि वह कम से कम 10 व्यक्ति को इस बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाएगा तो यह बीमारी स्वतः ही समाप्त हो जाएगी। हमें विकसित राष्ट्र बनाना है तो इस तरह की बीमारी को जड़ से खत्म करना होगा। बीमारी से गरीब व्यक्ति सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। उसकी सारी कमाई बीमारी के इलाज में खर्च हो जाती है। अगर बीमारी को समय रहते खत्म कर दिया जाए तो उसका फायदा अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। कई सारे रिसर्च बताते है कि बीमारी की वजह से गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। इन बीमारियों से बचाव होने से वह पैसा हमारी मार्केट में खर्च होगा। इससे बाजार को भी गति मिलेगी और अर्थव्यस्था मजबूत होगी।
27 फरवरी से 13 मार्च तक घर घर चलाया जाएगा अभियान
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम 27 फरवरी से 13 मार्च तक फाइलेरिया का जड़ से उन्मूलन करने के लिए चलाया जा रहा है। जिसके तहत स्कूल, कॉलेजों में जाकर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवाईयां खिलाई जाएंगी। जिसमें आइवरमैक्टिन, अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोलियों को दिया जाएगा एवं युवाओं तथा बच्चों को अपने आस पास जागरूकता फैलाने हेतु जानकारियां दी जाएंगी। इसके तहत पहले प्रत्येक पारा टोला में जाकर बूथ कैंप लगाकर दवाओं का वितरण किया जाएगा। इसके बाद घर घर जाकर मितानिनों द्वारा बचे लोगों का सर्वे कराकर उन्हें दवाइयां दी जाएंगी।