
रायगढ़ से लौटते वक्त सिमगा के आनंद ढाबा में रुके मुख्यमंत्री, स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेते हुए जनता से की बात
सादगी और सरलता का परिचय देते नज़र आए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एक बार फिर अपने सादगीपूर्ण व्यवहार से चर्चा में हैं। रायगढ़ जिले के दौरे से लौटते समय उन्होंने सिमगा में स्थित आनंद ढाबा पर अचानक रुककर स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया और आमजनों से आत्मीय संवाद किया।
न तामझाम, न सुरक्षा घेरा—बस आमजन के बीच मुख्यमंत्री
ढाबे पर मुख्यमंत्री को देख वहां मौजूद लोग चौंक गए, लेकिन कुछ ही पलों में माहौल आत्मीयता से भर गया। न कोई विशेष व्यवस्था, न ही सुरक्षा का घेरा—साय एक आम नागरिक की तरह लोगों के बीच बैठे, बातचीत की और उनके अनुभव सुने।
जनता से मुलाकात को बताया “ऊर्जा का स्रोत”
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “मैं जहां भी जाता हूं, लोगों से मिलने से मुझे ऊर्जा मिलती है। ये मुलाकातें औपचारिक नहीं होतीं, बल्कि आत्मीय होती हैं।” उन्होंने जनता के साथ संवाद को सुशासन की असली पहचान बताया।
ढाबे पर साझा किया भोजन, सबके साथ बिताया समय
इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव पी. दयानंद सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। सभी ने ढाबे पर एकसाथ बैठकर भोजन किया और आमजन से संवाद किया।
लोग बोले—ऐसा ही नेता चाहिए जो ज़मीन से जुड़ा हो
ढाबे पर मौजूद ग्रामीणों और राहगीरों ने मुख्यमंत्री के व्यवहार की सराहना की। एक स्थानीय युवक ने कहा, “मुख्यमंत्री को अपने बीच देखकर लगा कि यही असली नेता होता है—जो जनता के बीच आकर उन्हें सुने।”
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह सहज और आत्मीय पहलू न केवल प्रशासनिक छवि को मजबूत करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सच्चा नेतृत्व वही है जो जनता के बीच जाकर उनके सुख-दुख को समझे। उनका यह कदम छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक सकारात्मक संदेश देता है।