एआईओसीडी ने वित्त मंत्री एवं जीएसटी काउंसिल से  दवाओं पर जीएसटी घटाने की मांग

एआईओसीडी ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण एवं जीएसटी काउंसिल से  दवाओं पर जीएसटी घटाने की अपील
मुंबई =ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD), जो देशभर के 12.40 लाख केमिस्ट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने वित्त मंत्री एवं जीएसटी काउंसिल की चेयरपर्सन श्रीमती निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है कि सभी दवाओं को 5% जीएसटी स्लैब में और गंभीर रोगों में प्रयुक्त जीवन रक्षक दवाओं को 0% जीएसटी (मुक्त श्रेणी) में रखा जाए।
* प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी सरलीकरण की घोषणा का स्वागत करते हुए, एआईओसीडी के अध्यक्ष  जे. एस. शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि केमिस्ट स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की अंतिम कड़ी हैं, जो सीधे 140 करोड़ नागरिकों से जुड़े हुए हैं, और दवाइयों की कीमत बढ़ने का सीधा असर आम मरीजों पर पड़ता है।
*एआईओसीडी की मुख्य माँगें:*
1. आवश्यक दवाएँ जो डीपीसीओ के अंतर्गत विनियमित हैं, उन पर अतिरिक्त कर नहीं लगाया जाना चाहिए।
2. सभी दवाएँ, विटामिन, प्रोबायोटिक्स, न्यूट्रिशनल व फ़ूड सप्लीमेंट्स तथा बेबी फ़ूड को 5% जीएसटी में रखा जाए।
3. कैंसर, किडनी, हृदय रोग, दीर्घकालिक/दुर्लभ बीमारियों तथा रक्त-आधारित दवाओं को 0% जीएसटी (मुक्त श्रेणी) में शामिल किया जाए।
4. 12% जीएसटी स्लैब हटने के बाद आयुर्वेदिक दवाओं पर कर वृद्धि नहीं होनी चाहिए।
5. “रोकथाम इलाज से बेहतर है” के सिद्धांत के अनुरूप निवारक दवाएँ और माइक्रोन्यूट्रिएंट सप्लीमेंट्स सस्ती और सुलभ बने रहें।
6. 12% जीएसटी स्लैब समाप्त होने पर उस श्रेणी की सभी दवाओं को या तो 0% या 5% स्लैब में स्थानांतरित किया जाए।
7. उच्च दर वाले जीएसटी स्लैब में पहले से खरीदे गए स्टॉक पर संशोधित दर लागू करने हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश अधिसूचना द्वारा जारी किए जाएँ।
*जे  एस शिंदे और राजीव  सिंघल ने दोहराया कि दवाएँ विलासिता की वस्तुएँ नहीं बल्कि जीवन रक्षक साधन हैं। जीएसटी में कटौती से लाखों मरीजों और उनके परिवारों, विशेषकर स्वास्थ्य बीमा से वंचित लोगों, को सीधी राहत मिलेगी।
*एआईओसीडी ने यह भी बताया कि इस ज्ञापन की प्रति तथा एक अलग पत्र  बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री परिषद के अध्यक्ष  सम्राट चौधरी को भी समर्थन हेतु भेजा गया है।
*एआईओसीडी ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार एक संवेदनशील और ऐतिहासिक निर्णय लेगी—जहाँ मानवता को कठिनाई पर और करुणा को वाणिज्य पर वरीयता दी जाएगी।

*एआईओसीडी ज्ञापन के मुख्य बिंदु*
*दवाओं पर जीएसटी में कमी हेतु अपील*
• सभी प्रकार की दवाओं को 5% जीएसटी स्लैब में लाने की .
• प्रधानमंत्री के द्वारा 15 अगस्त को उपभोक्ताओं को राहत देने हेतु जीएसटी दर संरचना के सरलीकरण की घोषणा के अनुरूप।
• आवश्यक दवाइयाँ डीपीसीओ के तहत विनियमित हैं — 27 चिकित्सीय क्षेत्रों की 2817 फार्मुलेशन किफ़ायती मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रित हैं; दवाइयाँ विलासिता नहीं बल्कि जीवन रेखा हैं।
• गंभीर एवं जीवन रक्षक दवाएँ (कैंसर, किडनी, हृदय रोग, पुरानी बीमारियाँ, दुर्लभ रोग, ब्लड डेरिवेटिव्स, नियंत्रित श्रेणी की दवाएँ और बर्थ कंट्रोल दवाएँ) को 0% जीएसटी स्लैब में छूट दी जाए।
• आयुर्वेदिक दवाइयाँ — जो करोड़ों परिवारों द्वारा उपयोग में लाई जाती हैं — 12% जीएसटी स्लैब के समाप्त होने से अतिरिक्त कर बोझ से बचाई जानी चाहिए।

• रोग  निरोधी एवं प्रोफिलैक्टिक दवाएँ — स्वास्थ्य संरक्षण हेतु आवश्यक सप्लीमेंट्स , बेबी फ़ूड आदि पर अधिक कर लगाने से प्रारंभिक स्वास्थ्य सुरक्षा हतोत्साहित होगी।
• 12% जीएसटी स्लैब के विलय के बाद सभी दवाइयाँ केवल 0% या 5% स्लैब में लाई जाएँ ताकि मरीजों पर बोझ कम हो।
• स्थानांतरण या ट्रांजिट तथा वर्तमान स्टॉक को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएँ, जिससे उच्च स्लैब पर खरीदे गए स्टॉक का जीएसटी समायोजन संभव हो।
• जन हितेषी शासन – दवाओं पर जीएसटी में कमी से आम मरीजों का खर्च कम होगा, बीमा रहित नागरिकों को सहारा मिलेगा और यह सरकार की स्वास्थ्य, गरिमा एवं नागरिकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button