
रायगढ़। जूटमिल क्षेत्र की जमीन को लेकर शुरू हुआ विवाद अब और तूल पकड़ता जा रहा है। स्थानीय निवासियों और पूर्व जूटमिल श्रमिकों ने कॉलोनाइजर अनूप बंसल, बंटी डालमिया सहित अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इन लोगों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने के साथ-साथ दर्जनों साल पुराने तालाब को भी पाटकर कॉलोनी निर्माण शुरू कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, जूटमिल स्थित करीब 51 एकड़ भूमि पर कॉलोनी विकसित करने का कार्य चल रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसमें से लगभग 17 एकड़ जमीन सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है, जिस पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। आरोप यह भी है कि खसरा नंबर 38/2, 265/2, 51/2, 110/3, 32/3 और 40/3 में दर्ज तालाब को मिट्टी डालकर पूरी तरह समतल कर दिया गया है।
निवासियों के अनुसार, यह भूमि 1990 से जलभूमि (तालाब) के रूप में दर्ज है और पिछले वर्ष नगर निगम ने इस तालाब के गहरीकरण का प्रस्ताव भी पारित किया था। लेकिन अब यह तालाब पूरी तरह गायब हो चुका है। लोगों ने आरोप लगाया कि कॉलोनाइजर “निजी जमीन” का हवाला देकर सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं।
शिकायतें और कार्रवाई की मांग
इस मामले में स्थानीय लोगों ने एसडीएम कार्यालय और जूटमिल थाना दोनों जगह लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
पूर्व जूटमिल श्रमिकों का कहना है कि कॉलोनाइजर के कथित गुंडे उन्हें धमका रहे हैं। “हम लोग डर के साए में जी रहे हैं,” उन्होंने बताया।
मामले में राजनीति की एंट्री
मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। कांग्रेस ने प्रशासन पर भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि “तालाब जैसी सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।” पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा है कि शिकायत प्राप्त हो चुकी है और संबंधित भूमि का सीमांकन कराया जा रहा है। जांच में जो भी अनियमितताएँ सामने आएंगी, उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।












