रायगढ़ शिक्षा में डिजिटल अग्रसर — अपार आईडी निर्माण में प्रदेश में नंबर वन, कुछ छात्रों की आईडी नामों के अंतर से अटकी

रायगढ़। नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों की शैक्षणिक जानकारी को एकीकृत करने के लिए शुरू की गई अपार आईडी (Automated Permanent Academic Record) योजना में रायगढ़ जिला पूरे प्रदेश में सबसे आगे है। जिले में अब तक लगभग 95% छात्रों की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। हालांकि, तकनीकी कारणों से अभी भी 6741 विद्यार्थियों की आईडी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।

शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन छात्रों की आईडी नहीं बन पाई है, उनके आधार कार्ड और स्कूल रिकॉर्ड में नामों में अंतर पाया गया है। अपार आईडी केवल तभी बन सकती है जब दोनों दस्तावेजों में नाम पूरी तरह से मेल खाएं। आधार में नाम सुधार की प्रक्रिया लंबी होने के कारण कई छात्रों की आईडी निर्माण अटक गई है।

📚 अपार आईडी से जुड़ा छात्रों का डिजिटल भविष्य

अपार आईडी योजना के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक यूनिक डिजिटल पहचान दी जा रही है, जो उसके पूरे शैक्षणिक जीवन में काम आएगी। इस आईडी से छात्र की शैक्षणिक उपलब्धियां, परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, खेल और कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी जानकारी डिजिलॉकर में सुरक्षित रखी जाएगी।

योजना का उद्देश्य छात्रों के लिए एक आजीवन शैक्षणिक रिकॉर्ड तैयार करना है, जिसे किसी भी समय डिजिटल माध्यम से एक्सेस किया जा सकेगा।

📊 जिले में स्थिति

रायगढ़ जिले में कुल 2,27,920 विद्यार्थियों का नामांकन दर्ज है, जिनमें से 2,21,179 विद्यार्थियों के आधार कार्ड शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड से लिंक हो चुके हैं। शेष 6741 विद्यार्थियों के आधार विवरण उपलब्ध नहीं होने या नामों में भिन्नता होने के कारण उनकी अपार आईडी निर्माण की प्रक्रिया लंबित है।

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