रेलवे स्टेशन पर ऑटो चालकों की मनमानी से अव्यवस्था बरकरार, प्रीपेड बूथ बना शोपीस



शहर के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए नगर निगम ने करीब चार महीने पहले प्रीपेड ऑटो बूथ शुरू किया था। रेलवे प्रशासन ने भी सहयोग करते हुए ऑटो पार्किंग के लिए निर्धारित स्थान उपलब्ध कराया था। उद्देश्य यह था कि स्टेशन आने वाले मुसाफिरों को ऑटो के लिए भटकना न पड़े। लेकिन अब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। स्टेशन के बाहर अब भी बेतरतीब खड़े ऑटो और निजी वाहन यात्रियों व राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

शुल्क बचाने के लिए पार्किंग से बचते चालक
रेलवे द्वारा पार्किंग शुल्क 12 रुपए प्रतिदिन तय किया गया है। इससे ऑटो चालकों को महीने में लगभग 360 रुपए का भुगतान करना पड़ता है। अधिकतर चालक यह शुल्क बचाने के लिए निर्धारित पार्किंग की जगह स्टेशन के बाहर ही अपने वाहन खड़े कर लेते हैं। नगर निगम की ओर से पार्किंग स्थल पर शेड और प्रीपेड बूथ की सुविधा उपलब्ध कराने के बावजूद चालक वहां जाने को तैयार नहीं हैं।

प्रतीक्षालय और योजनाएं कागजों में सीमित
नगर निगम ने शहर के आठ प्रमुख स्थानों पर यात्रियों की सुविधा के लिए ऑटो, बस और टैक्सी प्रतीक्षालय बनाए थे, जिन पर साढ़े चार लाख रुपए प्रति स्थल खर्च किए गए। मगर ऑटो चालकों की मनमानी के कारण ये सभी योजनाएं केवल नाम मात्र की रह गई हैं।

किराया दर तय, फिर भी मनमानी जारी
आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस ने बढ़ती शिकायतों के बाद ऑटो संघ के साथ मिलकर किराया दरें तय की थीं, लेकिन चालक अब भी मनमाने किराए वसूल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर मेडिकल कॉलेज के लिए तय 120 रुपए किराया देने पर भी कई चालक सफर करने से इनकार कर देते हैं।

ठेकेदार की कोशिशें भी नाकाम
रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था दूर करने के लिए जुलाई में एक ठेकेदार को ऑटो बूथ संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी। ठेकेदार संजय गौतम के अनुसार, “कई बार बैठकें हुईं और अक्टूबर से बूथ को सुचारू रूप से चलाने का निर्णय भी लिया गया, लेकिन ऑटो संघ की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button