
छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ “कांग्रेस की आवाज़” नेशनल टैलेंट हंट प्रोग्राम
रायगढ़, 9 नवंबर।
कांग्रेस पार्टी द्वारा पूरे देश में शुरू किए गए नेशनल टैलेंट हंट प्रोग्राम का शुभारंभ अब छत्तीसगढ़ में भी हो गया है। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे युवा चेहरों को सामने लाना है जो कांग्रेस के विचारों और नीतियों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुँचा सकें।
कार्यक्रम की शुरुआत आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देशानुसार संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला की अध्यक्षता में की गई। इस अवसर पर “कांग्रेस की आवाज़ — नया जोश, नई आवाज़, नई पहचान” शीर्षक से अभियान की रूपरेखा जारी की गई।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पार्टी अब संवाद और अभिव्यक्ति में निपुण युवाओं को संगठन के भीतर प्रवक्ता के रूप में आगे लाने जा रही है। यह अवसर युवाओं को पार्टी के मंच से अपनी बात रखने और राजनीतिक समझ विकसित करने का मौका देगा।
इस कार्यक्रम के तहत कांग्रेस पार्टी ने राज्य को चार ज़ोन — रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग में विभाजित किया है।
हर ज़ोन में रीजनल कोऑर्डिनेटर, पब्लिसिटी वॉलंटियर और टेक्निकल सपोर्ट टीम की नियुक्ति की गई है।
बिलासपुर ज़ोन के प्रवक्ता संजय देवांगन ने बताया कि यह पहल युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा — “कांग्रेस हमेशा से विचारवान और सामाजिक चेतना रखने वाले युवाओं को मंच देती रही है। इस कार्यक्रम से नए प्रवक्ता तैयार होंगे जो जनहित के मुद्दों पर पार्टी की सोच को जनता तक पहुंचाएंगे।” बिलासपुर जोन में 5 लोगों की समिति गठित की गई है जिसमें से रायगढ़ के संजय देवांगन, पीसीसी पैनलिस्ट को भी जोनल प्रभारी बनाया गया है। इनके इस टीम में चार और सदस्य शामिल किए गए हैं।
प्रवक्ता चयन के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 नवंबर से 20 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद 21 से 25 नवंबर तक आवेदनों की स्क्रीनिंग होगी, 25 से 30 नवंबर तक रीजनल इंटरव्यू और 1 से 5 दिसंबर तक फाइनल पैनल डिस्कशन होगा।
चयन के प्रमुख मानदंड:
- कांग्रेस के मूल्यों के प्रति निष्ठा
- स्पष्ट सोच एवं त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता
- सशक्त भाषा और संवाद कौशल
- इतिहास और मीडिया की समझ
- राजनीतिक जागरूकता
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर संचार विभाग के संयोजक चंदन राजपूत, सौरभ साहू, फहमी खान, नीला लोहिया समेत अनेक युवा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम कांग्रेस संगठन में नई ऊर्जा और नई सोच के साथ युवा प्रवक्ताओं को तैयार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।














