
जयपुर/शाहपुरा। संविधान जागृति मंच ने सामाजिक सरोकारों और जन-जागरण के प्रति प्रतिबद्ध युवा चिकित्सक डॉ. अभिषेक पंकज ने अपनी कजिन बहन के विवाह समारोह को जागरूकता का एक अनोखा मंच बनाकर सभी का ध्यान आकर्षित किया है। जहाँ आमतौर पर शादियाँ उत्सव और परंपराओं के बीच सीमित रहती हैं, वहीं उन्होंने इस अवसर का उपयोग संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया।
हनुतपुरा (वाया अमरसर), तहसील शाहपुरा में सम्पन्न विवाह में
कन्या सीमा कुलदीप, सुपुत्री—श्रीमती बीदामी देवी एवं श्रीमान बालूराम कुलदीप, का विवाह राम जी, सुपुत्र—श्रीमती कोयली देवी एवं श्रीमान गिरधारी लाल कंसोटिया, निवासी—लीलो का बास, वार्ड 18, शाहपुरा
से संपन्न हुआ।
विवाह समारोह के दौरान डॉ. अभिषेक पंकज ने न सिर्फ परिवारजनों के साथ भारतीय संविधान की प्रति लेकर एक सामूहिक फोटो खिंचवाई, बल्कि उससे भी आगे बढ़ते हुए वर–वधू एवं दोनों पक्षों के परिजनों, बारातियों और आगंतुकों को अपने हाथों से संविधान की प्रतियाँ वितरित कीं।
उनकी यह पहल केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि समाज में “हर घर संविधान” पहुँचाने का वास्तविक और प्रभावशाली संदेश थी। इस वितरण के माध्यम से उन्होंने नागरिक अधिकारों, कर्तव्यों और संवैधानिक मूल्यों को समझने की दिशा में एक नई जागरूकता अभियान की शुरुआत की।
डॉ. पंकज का कहना है कि संविधान जैसी महत्वपूर्ण पुस्तक अक्सर घरों में होते हुए भी खोली नहीं जाती, जबकि यही नागरिकों को जागरूक और अधिकार-सचेत बनाती है। उनका मानना है—
“जब नागरिक अपने अधिकार और कर्तव्य समझता है, तब वह न अन्याय से डरता है, न टूटता है और न झुकता है।”
कुलदीप और कंसोटिया परिवारों ने इस पहल का समर्थन करते हुए इसे समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा बताया। स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर भी इस कदम की व्यापक सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि बड़े परिवर्तन अक्सर छोटे लेकिन सार्थक प्रयासों से शुरू होते हैं।
अंत में, डॉ. पंकज ने कहा—
“जब हर घर में संविधान होगा, तब हर दिल में न्याय और समानता की भावना मजबूत होगी। यह सिर्फ शुरुआत है, असली बदलाव भविष्य की पीढ़ियाँ करेंगी।”














