राहुल गांधी ने किसानों का बढ़ाया हौसला, कहा- वॉटर गन की बौछार हो, गीदड़ भभकी हजार हो-तुम निडर डरो नहीं
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से अन्नदाता दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत भी हो चुकी है जो बेनतीजा ही रही हैं. अब 29 दिसंबर को एक बार फिर किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बातचीत के बाद कोई हल निकलेगा.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर किसानों का हौसल बढ़ाया
वहीं इस बीच कांग्रेस पूरी तरह से किसानों का समर्थन कर रही हैं. कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने किसानों के हौसला अफजाई की खातिर ट्विटर पर कविता की कुछ पंक्तियां लिखी हैं. इन पक्तियों के जरिए राहुल गांधी ने अन्नदाताओं को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए कहा है. साथ ही कहा है कि उनको रोकने के प्रयास भी किए जाएंगे लेकिन वे बिना डरे आगे बढ़ते रहें.
राहुल गांधी ने लिखा है-
वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो,वॉटर गन की बौछार हो, या गीदड़ भभकी हजार हो, तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं, वीर तुम बढ़े चलो, अन्नदाता तुम बढ़े चलो !
वीर तुम बढ़े चलो
धीर तुम बढ़े चलो
वॉटर गन की बौछार हो
या गीदड़ भभकी हज़ार हो
तुम निडर डरो नहीं
तुम निडर डटो वहीं
वीर तुम बढ़े चलो
अन्नदाता तुम बढ़े चलो! pic.twitter.com/MqsuS9QxEj— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2020
शनिवार को भी राहुल गांधी ने वीडियो पोस्ट की थी
बता दें कि शनिवार को भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट के जरिए किसानों को अपना समर्थन दिया था. राहुल गांधी ने एक वीडियो पोस्ट कर लिखा- मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है. सरकार को सुनना पड़ेगा, सरकार को (किसानों को) सुनना ही होगा
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1342682832968118272?s=20
राष्ट्रपति को भी सौंपा था ज्ञापन
वहीं इससे पहले 24 दिसंबर को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अधीर रंजन चौधरी और गुलाब नबी आजाद के साथ नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 2 करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा था. राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान और मजदूर घर चले जाएंगे.
राहुल गांधी ने कहा था, ‘हम तीन लोग राष्ट्रपति के पास करोड़ों हस्ताक्षर लेकर गए. यह देश की आवाज है. सर्दी का समय है, किसान आंदोलन कर रहे हैं और मर भी रहे हैं. आज मैं एडवांस में बोल रहा हूं किसान और मजदूर के सामने कोई शक्ति खड़ी नहीं हो सकती. अगर कानून वापस नहीं हुए तो सिर्फ आरएसएस और बीजेपी को ही नहीं, देश को भी नुकसान होने जा रहा है.’