
भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार, कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम से होगा और भी फायदा
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में बड़ी तेजी से (वी-आकार जैसे) सुधार की तरफ बढ़ रही है। उपभोक्ता विश्वास लौटने, गतिशील वित्तीय बाजारों और विनिर्माण एवं निर्यात के मोर्चे पर की जा रही मेहनत के बल पर यह तेजी दिख रही है। उद्योग मंडल ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के शुरू होने से अर्थव्यवस्था में और तेजी आने की उम्मीद है। टीकाकरण कार्यक्रम जल्द ही शुरू होने वाला है।
2020 के आखिरी दो महीनों में दिखे स्पष्ट संकेत
एसोचैम के महासिचव दीपक सूद ने कहा कि, ‘उच्च-आवृत्ति वाले आंकडों से 2021 में वी-आकार का सुधार आने के मजबूत संकेत दिखाई देते हैं। वर्ष 2020 के आखिरी दो महीनों में अर्थव्यस्था में इसके स्पष्ट संकेत दिखे हैं।’ भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2020-21 में 7.7 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान सामने आया है। कोविड-19 महामारी ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचाया है। हाल में जारी सरकारी आंकड़ों में यह कहा गया है।
इन क्षेत्रों को होगा ज्यादा फायदा
सूद ने कहा कि दो टीकों को मंजूरी मिलने के साथ ही भारत अब कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है। इससे अर्थव्यवस्था को काफी फायदा पहुंचेगा, खासतौर से आतिथ्य क्षेत्र, परिवहन, मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में इसका असर दिखेगा। ये क्षेत्र महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एसोचैम के मुताबिक आर्थिक गतिविधियों में तेज सुधार का सबसे पक्का आंकड़ा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत दिसंबर माह में अब तक का रिकार्ड 1.15 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह होना है।
महत्वपूर्ण होगा आगामी बजट
आगे सूद ने कहा कि, ‘राज्यवार आंकड़े देखने से पता चलता है कि उपभोक्ता विश्वास लौटा है। महाराष्ट्र राज्य जो कि कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित रहा है। वहां जीएसटी संग्रह में सात फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है और साल दर साल आधार पर कुल जीएसटी संग्रह 12 फीसदी बढ़ा है।’ उन्होंने कहा कि 2021-22 का बजट चीजों को आगे बढ़ाने में प्रमुख सहायक होगा। आगामी बजट में स्वास्थ्य देखभाल, कृषि क्षेत्र और मांग को फिर से बढ़ाने पर ध्यान देना काफी महत्वपूर्ण होगा।