
24 घण्टे की रिमझिम और झमाझम बारिश से जन-जीवन रहा अस्त-व्यस्त
चौकी परिसर, तहसील परिसर, हाईस्कूल परिसर, प्राथमिक स्कूल सहित वार्डो में भरा लबालब पानी
बलौदाबाजारं
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
रविवार की दोपहर 2 बजे से मौसम ने करवट बदली और घने बादल छाए रहे। शांम 4 बजे से शुरू हुई बारिश सोमवार 2 बजे तक जारी रही। बारिश की वजह से लोग परेशान रहे। लोग घरों में दुबके नजर आये। बारिश अंचल सहित ने लवन नगर को पूरी तरह से तर-बतर कर दिया। तेज बारिश से नगर के निचले हिस्से चैकी परिसर, तहसील परिसर, हाईस्कूल परिसर, प्राथमिक स्कूल सहित वार्डो लबालब घुटनों से भी अधिक पानी भरा रहा। नालियां भी जाम व लबालब चल चल रही है। बारिश के पानी के साथ नाली का पानी सड़कों पर फैल गया। रविवार-सोमवार को हुई झमाझम और रिमझिम बारिश से नगर सहित आसपास क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गया। नीचे मोहल्ले में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस गया। नगर पंचायत लवन द्वारा पानी निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। अधिकांश वार्ड के घरों में मोहल्ले में रहने वाले लोगों के घरों में गंदा पानी घरों में घुस रहा है। मोहल्ले के लोग लम्बे समय से वार्ड में पानी भर जाने की शिकायत व पानी निकासी की मांग करते आ रहे है, इसके बावजूद नगर पंचायत उनकी फरियाद नहीं सुन रही है। मोहल्ले में पानी भरने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। वही सांप-बिच्छु का डर बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि तहसील चौक वार्ड क्र. 04 में बनी मार्डन नाली से ठीक से पानी निकासी नहीं हो पाने की वजह से पुलिस चैकी, तहसील परिसर, हाई स्कूल, प्राथमिक शाला परिसर में लबालब पानी भरा गया है। उक्त वार्ड के मोहल्लेवासियों ने बताया कि नगर पंचायत की उदासिनता के चलते नारकीय जीवन भोगना पड़ रहा है। इस गली में बारिश का पानी जमा होने से घरों के आसपास तालाब बना हुआ है। गंदगी के कारण मलेरिया और डायरिया का खतरा बना हुआ है। पूरे बारिश तक पानी घरों के पास ही भरा रहता है।
वही वार्ड क्र. 04 बाजार चैक में सार्वजनिक सुलभ शौचालय स्थित है। 5 घण्टे की लगातार हुई बारिश की वजह से नाली के ऊपर से पानी बह रहा था। वही सार्वजनिक सुलभ शौचालय से निकला हुआ मानव मल लोगों के घरों में रहा था। सार्वजनिक शौचालय के आसपास रहने वाले लोगों के घरों व वार्डो में घुटनों से भी अधिक पानी भरा रहा। जिसकी वजह से लोगों को आने जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
वही 24 घण्टे झमाझम बारिश से खेतों में धान की बुवाई कर चुके किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। खेतो में लबालब पानी भर गया है। वहीं, जिन किसानों ने धान की बोवाई हाल ही में कराया है उनके लिए उनकी भी मुसीबत काफी बढ़ गई है। खेतों में पानी ज्यादा दिनों तक रहने से धान सड़ जाएंगे। धान के पौधे खराब हो जाएंगे। बारिश की वजह से किसानों की मुसीबत काफ़ी बढ़ गई है। किसानों ने कहा काफ़ी सालों बाद ऐसी स्थिति बनी है। अधिकतर किसान लगातार बारिश होने के चलते खेतों पर धान की बुवाई नहीं कर पाए है। इन दिनों किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर दिख रही है। वही, कई किसान जो साधन संपन्न है, वह किसान अपने खेतों की बुवाई कैसे भी कर सकते है। लेकिन जो किसान साधन संपन्न नहीं उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। धान की बुवाई का समय निकलते जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कृषकों का कहना है कि जब तक खेत सूख नहीं जाते, उसमें धान का बीजा नहीं डाला जा सकता। फिलहाल खेत अब नहीं सुख पायेगा। अब किसानों रोपा और लईहरा पद्धति से खेत की बुवाई की जा रही है। इस पद्धति से कृषि लागत बढ़ जाती है, छोटे किसान रोपा नहीं कर पाते, उनके लिए इस मुसीबत काफ़ी बढ़ गई है। मौसम की स्तिथी को देखते हुए अधिकांश किसान रोपा रखने की तैयारी कर कर लिए है। तो वही छोटे किसान खेतो से पानी निकालने में लगे हुए है, क्योंकि धान के पौधे अभी छोटे है। पानी से धान सड़ जाएंगे।