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Dry Fruit Rate: बादाम की कीमतों में लगी आग, महज 5 दिन में दाम 1000 रुपये के पार पहुंचे

अफगानिस्तान से भारत के साथ सदियों पुराना रिश्ते पर तालिबानी कब्जे के साथ ही भारत और उनके साथ हो रहे व्यापार पर सीधा असर पड़ा है.सबसे पहले जो असर पड़ा है वो है ड्राई फ्रूट्स की कीतमों में 40 से 50 फीसदी की बढोत्तरी हुई है. खुदरा बाजार में तो सबसे अधिक असर देखने को मिला है यानी वहां दोगुनी कीमत हो रही है. ड्राई फ्रूट के दाम बढ़ने से दिल्ली के सबसे पुराने बाजार खारी बाबली के थोक व्यापारियों की परेशानियां बढ़ गई है. काबुल शहर से हर साल 300 करोड़ का कारोबार तो दिल्ली की खारीब बावली बाजार से होता है. इसलिए वहां के व्यापारी के पास एडवांस में ही पैसा भी भेजा गया है लेकिन अब यहां के व्यापारियों की परेशानी बढ़ रही है.

चिंता इस बात की है कि तालिबानी अब से किस तरह से व्यापार करेंगे. बहरहाल देश में हजारों व्यापारियों परेशान है लेकिन जब तक केंद्र सरकार वहां के तालीबानी नेता से बात नहीं करते तब तक कोई रास्ता निकलता नजर नहीं आ रहा है.

अमेरिका से आने वाले बादाम भी हुए महंगे, जानिए क्यों

देश की राजधानी ही नहीं बल्कि देश की सबसे बड़ी ड्राई फ्रूट्स मंडी खारी बावली के व्यापारी रवि बत्रा ने TV9 हिंदी को बताया कि कि तकरीबन एक महीने से खारी बाबली में अफगानिस्तान के काबुल से आने वाले सामानों की आवजाही रुकी हुई है. इससे यहां के बाजार से बदाम गिरी, मुनक्का, अंजीर और किशमिश की कमी बनी हुई है.

आपको बता दें कि खारी बाबली ड्राई फ्रूट का सबसे बड़ा थोक बाजार है. इसलिए दूसरे हिस्से में भी अभी पुराने माल ही सप्लाई हो रही है. जबतक पुराना माल हमारे पास हैं तब ज्यादा असर नहीं पड़ेगा लेकिन अगले महीने से मुश्किलें बढ़ जाएगी.

बादाम की कीमत में 400 रुपये किलो की बढोतरी हो गई है. पहले इसकी कीमत थोक में 600 रुपये किलो था अब 1000 रुपये किलो हो चुका है. अंजीर में 40 फीसदी की बढोत्तरी हो गई है.

खारी बाबली में ही थोक व्यापार करने वाले संजय बताते हैं कि कोरोना की वजह से पुराने माल हमारे पास जो बचे थे वहीं अब तक बाजार में हम बेच रहे हैं लेकिन इस बार के त्योहार में मांग बढ़ गई है.

इसी सप्ताह राखी का त्योहार है उसके लिए अभी से गुरबंदी बादाम गिरी की कीमत में सबसे अधिक बढ़ी है यहां तक की अमेरिका से आने वाले बादाम की कीमत भी बढ़ गई है. वो भी 1000  रुपये किलो बिक रहा है.

काबुल में तैयार माल तकरीबन एक महीने से अलग अलग जगहों पर रुका हुआ है. वहां के व्यापारी साथी से बात करने की कोशिश तो जरूर करते हैं लेकिन अभी हमें कामयाबी नहीं मिल रही है. तीन दिन पहले बात हुई भी थी वो डरे हुए थे कह रहे थे पहले अपने परिवार को बचा लें फिर आपके साथ व्यापार की बात करेंगे.

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