
रायगढ़। जिले की जीवनदायिनी केलो नदी के जलस्तर को बनाए रखने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए खर्राघाट में बैराज बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 42 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसकी तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है।
बैराज निर्माण से नदी का पानी रुकेगा, जिससे शहर का ग्राउंड वाटर लेवल संतुलित रहेगा। साथ ही छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा खर्राघाट से पंचधारी तक इको पार्क विकसित किया जाएगा। इस पार्क में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को आकर्षित किया जा सकेगा।
इसके अलावा, अतरमुड़ा और नवापाली में एनीकट निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि जेलपारा में स्टॉप डैम बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर नदी का जलस्तर वर्षभर स्थिर रहेगा और प्रदूषण की समस्या भी काफी हद तक कम होगी।
पंचधारी घाट पर होगा सौंदर्यीकरण और सुरक्षा प्रबंध
पंचधारी घाट, जो गर्मी के मौसम में लोगों के लिए प्राकृतिक वाटर पार्क जैसा बन जाता है, अब और भी आकर्षक रूप लेगा। यहां नहाने के लिए व्यवस्थित घाट का निर्माण किया जाएगा, ताकि हादसों से बचा जा सके। साथ ही पुराने पंचधारी गेट को बदलकर उसकी ऊंचाई बढ़ाई जाएगी।
बैराज क्षेत्र में मौजूद बड़े पत्थरों को हटाकर पानी के बहाव को “ओगी” संरचना के रूप में तैयार किया जाएगा। यह संरचना जल के संतुलित प्रवाह के साथ बोटिंग और जलयानों के आवागमन को सुरक्षित बनाएगी।
नालंदा परिसर और मरीन ड्राइव को भी मिलेगा लाभ
केलो नदी का पानी फिल्टर कर शहरवासियों को पीने के लिए उपलब्ध कराया जाता है। बैराज बनने से नालंदा परिसर और मरीन ड्राइव क्षेत्र में लगातार जलस्तर बना रहेगा, जिससे यह इलाका और भी खूबसूरत बन जाएगा।
टूरिज्म बोर्ड ने संभाली जिम्मेदारी
पहले यह परियोजना नगर निगम को सौंपी गई थी, लेकिन अब टूरिज्म बोर्ड को जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है। योजना के तहत खर्राघाट के पास 3 मीटर ऊंचा बैराज बनाया जाएगा, जिससे करीब 3 किलोमीटर तक नदी में पानी भरा रहेगा।












