
Assembly Results 2022: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और अब 10 मार्च को चुनाव के रिजल्ट का इंतजार है. आपने अपना वोट तो डाल दिया है, लेकिन आपको ये चिंता सता रही होगी कि आपने सही से मतदान किया है या नहीं. बता दें कि, वोटिंग मशीन ईवीएम में कैद आपका हर वोट पूरी तरह से सुरक्षित है. मतदान के बाद स्ट्रांग रूम में रखे गए ईवीएम मतगणना के दिन ही निकाले जाएंगे और फिर मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू होगी. मतदान से लेकर मतगणना और चुनाव परिणाम की घोषणा RO यानी रिटर्निंग ऑफिसर की निगरानी में होती है. चुनाव आयोग के मुताबिक सबसे पहले मतगणना केंद्र पर पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे और इसके आधे घंटे के बाद ईवीएम खोले जाएंगे
मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर पैदल जोन बना दिया जाता है. जबकि काउंटिंग सेंटर पर तीन स्तर का सुरक्षा घेरा रहता है. पहला घेरा पैदल जोन की सीमा पर, दूसरा परिसर के गेट पर और तीसरा काउंटिंग हॉल के दरवाजे पर. इस केंद्र की सुरक्षा में राज्य की पुलिस के अलावा केंद्रीय बल जैसे कि BSF, CRPF, CISF, ITBP आदि भी तैनात रहते हैं.
बता दें कि पोस्टल बैलेट भी अब ईवीएम के साथ काउंटिंग टेबल पर पहुंच जाते हैं. आप ये भी जान लीजिए कि एक बार में अधिकतम 14 ईवीएम की गिनती होती है. मतगणना में तीन तरह से हुई वोटिंग की गिनती की जाएगी. यहां रिटर्निंग ऑफिसर के अलावा चुनाव में खड़े प्रत्याशी, इलेक्शन एजेंट, काउंटिंग एजेंट भी रहेंगे और इसकी वीडियोग्राफी भी होगी.
तीन तरीकों से होती है आपके वोटों की गिनती
ETPBS
सबसे पहले जान लीजिए कि आपके वोटों की गिनती ईटीपीबीएस (ETPBS) अर्थात इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिशन पोस्टल बैलेट सिस्टम से होती है. इसका प्रयोग उन सर्विस वोटरों के लिए किया जाता है, जो कि अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं. जैसे सेना, सीआरपीएफ व बीएसफ आदि. जिन लिफाफों में यह वोट पहुंचे हैं. उनमें एक क्यूआर कोर्ड रहता है. इस ग्रुप के मतों की गिनती से पहले क्यूआर कोर्ड की स्क्रीनिंग की जाती है. इससे वोट की वास्तिवकता पता चलती है.
Postal Ballet
मतों की गिनती दूसरे तरीके पोस्टल बैलेट या डाक मत पत्र की होती है. जैसा कि नाम से स्पष्ट हो रहा है कि यह मत पत्र ही होगा. इसमें पहले की तरह जिस तरह से बैलेट पेपर पर ही वोट दिए जाते हैं और बैलेट पेपर के मतों की गिनती सामान्य रूप से होती है. बैलेट पेपर से मतदान दिव्यांग, बुजुर्ग, चुनाव ड्यूटी में लगे लोग जो बूथ पर मौजूद नहीं हो सकते या पा रहे हैं उनके लिए आयोग ने ये व्यवस्था कर रखी है.
EVM
अब ज्यादातर वोटिंग ईवीएम से होती है. इसमें वोटिंग और काउंटिंग दोनों में बैलेट पेपर की तुलाना में कम समय लगता है. यह मतपत्र की अपेक्षाकृत पारदर्शी प्रणाली भी है. ईवीएम से एक व्यक्ति-एक वोट का सिद्धांत पूरी तरह से लागू होता है. इससे कोई भी एक से अधिक वोटिंग नहीं कर सकता. एक ईवीएम में अधिकतम 3840 मतों को रिकॉर्ड किया जा सकता है और एक ईवीएम में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम अंकित किए जा सकते हैं. और अब तो इसमें प्रत्याशियों के फोटो भी लगे रहते हैं.