*BIG BREAKING* *आंगनबाड़ी कर्मचारियों द्वारा अपनी 6 सूत्री मांगो को लेकर निकाली रैली…*
महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत प्रदेश के 46660 आंगनबाड़ी और 5814 मिनी ऑगनबाड़ी केन्द्रों में 104948 ऑगनबाड़ी एवं मिनी ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकायें कार्यरत हैं. इन्हें केन्द्र और राज्य सरकार दोनों द्वारा अपने विभाग के कार्य के अलावा अन्य विभागों द्वारा संपि गए कार्यों का सम्पादन बहुउद्देशीय कार्यकर्ता की तरह करना पड़ता है, नियंत्रण भी उन्हीं के ऊपर विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ जिला कलेक्टर, एसडीएम सभी का रहता है. एक भी अधिकारी किसी कारणवश नाराज हो गए तो खामियाजा सेवा से पृथक या मानदेय कटौती की वेदना से गुजरना पड़ता है, काम और महँगाई के अनुपात में महज 3250/- प्रतिमाह सहायिका को और 6500/- कार्यकर्ता को मानदेय केन्द्र और राज्य सरकार दोनों से मिलाकर सहायिका को राज्य सरकार से 1000/- और केन्द्र सरकार से 2250/- कार्यकर्ता को राज्य सरकार 2000/- तथा केन्द्र सरकार से 4500/- प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है जिसे जीने लायक पारिश्रमिक कदापि नहीं कहा जा सकता. सरकारें एक ओर महिला सशक्तिकरण की बात करती है.
महिलाओं के सुदृढ़ीकरण की बात करती है लेकिन देश में 1974-75 से आईसीडीएस को स्थापित हुए 47-48 वर्ष होने के बाद भी केन्द्र सरकार ने इन महिलाओं के श्रम का मूल्यॉकन मात्र 4500-2500 और छत्तीसगढ़ सरकार बनने के 20 वर्ष में 2000-1000 किया जाना जो शोषण से कम नहीं है. केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के कई योजनायें मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, कौशिया मातृत्व योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना, महिला समृद्धि योजना, किशोरी बालिका योजना, कुपोषण मुक्त योजना, गर्भवती माताओं-शिशुओं का देखभाल के दर्जन भर विभागीय योजनाओं की जिम्मेदारी के साथ ही साथ पोषण देकर जनगणना मतदाता सूची, बी.एल.ओ., पल्सपोलिया, फायलेरिया, कोरोनो व्हेक्सीनेशन जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम की जिम्मेदारी निभाने वाली आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहाहिकायें स्वयं जीने लायक वेतन के लिए जूझ रही है.कुपोषण मुक्त करने वाली आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकायें और उनके बच्चे स्वयं कुपोषित हो रहे हैं. संघ के जिला शाखा अध्यक्ष व प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता नायक के द्वारा यह भी बताया गया कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार दोनों हमारे माँगों पर गम्भीर नहीं हैं. हम लगातार शासन का ध्यानाकर्षण करते आ रहे हैं, वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार से हमें काफी उम्मीद थी उनके सरकार में आने में पहले प्रदेश के लाख आँगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं से उनके द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया गया था कि काँग्रेस की सरकार आएगी तो कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक का दर्जा और कलेक्टर दर पर मानदेय दिया जायेगा. लेकिन वायदा अभी तक निभाया नहीं गया है, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच के माध्यम से लामबन्द हो चुके हैं और अब ज्यादा इन्तजार नहीं कर सकते. संघर्ष के द्वितीय चरण में आज 6-7-2022 को प्रदेश के प्रत्येक जिला में कामबन्द वायदा निभाओ रैली का आयोजन कर कलेक्टर महोदय के माध्यम से 6 सूत्रीय मांगों का माँग पत्र माननीय मुख्यमत्री जी के नाम सौंपा जा रहा है और आग्रह किया जा. रहा है कि राज्य सराकार द्वारा हमसे किए गए वायदे पूरा करें, जीने लायक वेतन दें.
सरकार यदि मांगें पूरी नहीं करती है तो आने वाले समय में आन्दोलन और उग्र किया जावेगा अनिश्चितकालीन हड़ताल की जावेगी. प्रदेश के कार्यकर्ता-सहायिकायें अगस्त 2022 में कॉंग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के बॅगला नई दिल्ली में हजारों की संख्या में जाकर अपना प्रदर्शन दिखायेंगे.
काम बन्द वायदा निभाओं महारैली सभा को रायगढ़ जिला सचिव श्रीमती काजल विश्वास, रायगढ़ शहरी परियोजना लक्ष्मी यादव, विमला, भुवनेश्वरी,सहनाज नीलिमा, गीता गुप्ता, सविता चौहान, पुसीर से ललिता भूईयाँ घरघोड़ा से ममता पुरसेठ, धरमजयगढ़ से रेणुका सिंह, तमनार से रेवती गुप, लेन्ध्रा से उमा पटेल, बरमकेला से कविता वैष्णव, सारंगढ़ से अनुसूईया मलहोत्रा, बेबी पटेल, खरसिया से संगीता और सावित्री, कापू से विक्टोरिया रायगढ़ ग्रामीण से माधुरी गुप्ता, मीना साह, लैलूंगा से सलोनी तिग्गा, गुरूवारी, मुकडेगा से सबीना, होलिजल पारवा सम्बोधित किया गया.