
Bilaspur News: प्रधानमंत्री आवास के लिए केंद्र सरकार ने तय की समय-सीमा
31 मार्च 2021 से पहले जिन हितग्राहियों को स्वीकृत हुआ है आवास उसे हर हाल में करना होगा पूरा
केंद्र सरकार ने एक निर्देश जारी कर कहा है कि 31 मार्च 2021 से पहले जिन हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया गया है,ऐसे आवास का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा करना होगा। केंद्र के निर्देश से जिला पंचायत के अफसरों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे आवास को लेकर अब पड़ताल शुरू हो गई है। केंद्र सरकार ने यह निर्देश देश के सभी राज्यों के लिए जारी कर दिया है।
केंद्र से मिले निर्देश के बाद राज्य शासन ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर के अलावा जिला पंचायत के सीईओ को निर्देशों का पालन करने व तय समय सीमा में अधूरे आवास को पूरा कराने की बात कही है। केंद्र ने साफ किया है कि ऐसे आवास का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा नहीं किए जाएंगे तो स्वीकृत आवास को निरस्त कर दिया जाएगा और शेष राशि नहीं दी जाएगी। पीएम आवास योजना के क्रियान्वयन में राज्य शासन द्वारा की जा रही लेटलतीफी और राज्यांश जमा करने में विलंब के कारण केंद्र सरकार ने इसके पहले भी स्वीकृत आवास में कटौती की गई थी।
आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2017 से 2021 केबीच 38 हजार 853 आवास केंद्र सरकार ने स्वीकृत किया था। बाद में इसमें से छह हजार 181 मकान निरस्त कर दिए गए। 14 सितंबर 2022 को संशोधित सूची में 32 हजार 672 मकान स्वीकृत किए गए थे। इसके बाद 18 नवंबर 2022 को सात हजार 729 मकानों की कटौती की गई। इस तरह 60 हजार 83 स्वीकृत मकानों में से संशोधित सूची में केवल 52 हजार 354 मकानों की स्वीकृति दी गई।
राज्य शासन व जिला पंचायत के अधिकारियों के लिए राहत वाली बात ये है कि केंद्र सरकार का यह आदेश उन आवासों के लिए है जो तकरीबन दो साल स्वीकृत किए गए थे जो अब तक प्रारंभ नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने बीते महीने भी प्रदेश के 163 शहरों में रहने वाले गरीबों के लिए 27 हजार 228 आवास की स्वीकृति दी थी।
सांसद साव ने लोकसभा में उठाया था मुद्दा
बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अस्र्ण साव ने बीते दिनों सदन में प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा उठाया था। सांसद ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने में राज्य शासन द्वारा स्र्चि नहीं दिखाई जा रही है। राज्यांश जमा ना करने के कारण हितग्राही गरीबों को आवास नहीं मिल पा रहा है। अपना आशियाना का सपना अधूरा ही रह गया है।