
कोरोना का कहर : बच्चों में तेजी से फैल रहे संक्रमण की वजह क्या है? जानिए विशेषज्ञों की सलाह
कोरोना फिर से डराने लगा है। इस बार बच्चों को अपने चपेट में ले रहा है। दिल्ली-एनसीआर में ही पिछले 10 दिनों के अंदर संक्रमित होने वालों में 25 से 30 फीसदी बच्चे हैं। बच्चों में संक्रमण के ज्यादा मामले आने का एक कारण वैक्सीनेशन का न होना भी है। 18 साल से ऊपर के ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। बूस्टर डोज भी लगने लगी है, लेकिन छोटे बच्चों का टीकाकरण अभी नहीं हो पाया है।
कितने बच्चों को लग चुका है टीका?
बच्चों में किस तरह के लक्षण दिख रहे?
बचने का क्या उपाय है?
क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
- बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखनी चाहिए। अगर कुछ व्यवहार में बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- बच्चों को गंदगी से दूर रखें और बार-बार हाथ धोने की आदत डलवाएं।
- पांच साल से ऊपर के बच्चों को मास्क के बारे में भी बताएं और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ले जाने से बचें।
- अगर बच्चा वैक्सीनेशन के दायरे में आता है तो वैक्सीन जरूर लगवाएं।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों में कोरोना के खतरे को लेकर 20 जनवरी को गाइडलाइन जारी की थी। इसमें कई बातों को स्पष्ट किया गया है।
1. 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या एंटीवायरल के प्रयोग की अनुशंसा नहीं की गई है। केवल गंभीर स्थिति में इसका प्रयोग किया जा सकता है।
2. कोरोना संक्रमित बच्चों को एमआईएस-सी से बचाव के लिए कदम उठाने होंगे।
3. दो मीटर की दूरी, हाथों को धोना और मास्क पहनने को कहा गया है।
4. बंद कमरे या हॉल की जगह ज्यादातर खुली जगह का प्रयोग करें। इसमें संक्रमण के फैलने का खतरा कम होता है।
5. 12 से 17 साल तक के सभी बच्चे वैक्सीन लगवाएं।