
सक्ती जिले का चौंकाने वाला मामला, अंधविश्वास का शिकार बनी छात्रा
सक्ती, छत्तीसगढ़। सक्ती जिले के ग्राम देवरघटा के अचरीपाली में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। अंधविश्वास में डूबी 11वीं कक्षा की 16 वर्षीय छात्रा ने सोमवार सुबह भगवान शिव को चढ़ावा देने के लिए अपनी जीभ काट दी और मंदिर में खुद को बंद कर लिया। यह घटना सुबह करीब 7 बजे की है, जब छात्रा ने घर के पास तालाब किनारे स्थित भोले बाबा के मंदिर में अपनी जीभ काटकर समर्पित की।
मंदिर में साधना में लीन, खून से सना परिसर
घटना के बाद मंदिर परिसर खून से सना हुआ पाया गया। छात्रा ने खुद को मंदिर के अंदर बंद कर लिया और साधना में बैठ गई। बताया जा रहा है कि छात्रा ने एक नोट भी लिखा है, जिसमें अपने इस कदम का उल्लेख किया है।
पुलिस और प्रशासन को मंदिर में प्रवेश से रोका
घटना की जानकारी मिलने पर डभरा थाना क्षेत्र की पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि, ग्रामीणों ने मंदिर को चारों तरफ से घेर लिया और अधिकारियों को अंदर जाने से रोक दिया। मौके पर एंबुलेंस और डॉक्टरों की टीम भी मौजूद रही, लेकिन छात्रा के माता-पिता ने उसे अस्पताल ले जाने से साफ इनकार कर दिया।
परिजन और ग्रामीण अड़े, छात्रा की स्थिति चिंताजनक
पुलिस और प्रशासन ने छात्रा के माता-पिता को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी बेटी को अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हुए। फिलहाल, मंदिर के अंदर क्या हो रहा है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है। घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।
समाज में अंधविश्वास का बढ़ता खतरा
यह घटना समाज में अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है। प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े करती है।