बाबा साहब सम्मान मार्च: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग, अंबिकापुर और बलरामपुर में कांग्रेस का प्रदर्शन
अंबिकापुर में निकाला गया बाबा साहब सम्मान मार्च
अंबिकापुर में जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में ‘बाबा साहब सम्मान मार्च’ आयोजित किया गया। यह मार्च केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में संविधान और बाबा साहब पर की गई कथित अमर्यादित टिप्पणी के विरोध में निकाला गया।
कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन से रैली शुरू की, जो गांधी चौक, अंबेडकर चौक, नावापारा मार्ग और आकाशवाणी चौक से होती हुई कलेक्टोरेट तक पहुंची। अंबेडकर चौक पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंपकर अमित शाह को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
कलेक्टोरेट में धरना और वक्तव्य
कलेक्टोरेट में धरने पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा, “अमित शाह की टिप्पणी न केवल बाबा साहब का अपमान है, बल्कि यह स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं के प्रति भाजपा की असली सोच को उजागर करती है। देश बाबा साहब के अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।”
प्रदर्शन में प्रमुख चेहरे
इस प्रदर्शन में बालकृष्ण पाठक, जेपी श्रीवास्तव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता, मधु सिंह, मो. इस्लाम, हेमंत सिन्हा, सीमा सोनी, सुदामा कुर्रे सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
रैली में महापुरुषों को श्रद्धांजलि
रैली के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मार्ग में स्थित महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इनमें स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर और मदर टेरेसा शामिल थे।
बलरामपुर में भी हुआ प्रदर्शन
बलरामपुर में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। एसडीएम राजपुर को ज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग की। इस प्रदर्शन में कांग्रेस जिला महामंत्री जितेंद्र गुप्ता, लालसाय मिंज, बृजेश मिश्रा, रूपेश यादव, देवबली टेकम और जसवंत यादव सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
निष्कर्ष
कांग्रेस ने इस प्रदर्शन के जरिए भाजपा और केंद्रीय गृहमंत्री के खिलाफ विरोध का स्वर बुलंद किया। बाबा साहब अंबेडकर के प्रति सम्मान और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए यह मार्च कांग्रेस के लिए एक प्रमुख राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।