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D.El.Ed-B.Ed विवाद: सरकार को हाईकोर्ट से अंतिम चेतावनी, 2855 की सूची पेश, 15 दिन में भर्ती पूरी करने के निर्देश

राज्य सरकार को हाईकोर्ट का अल्टीमेटम: विवादित सहायक शिक्षक भर्ती पर 15 दिन में कार्रवाई का निर्देश

छत्तीसगढ़ में विवादित सहायक शिक्षक भर्ती मामले में दायर अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अंतिम मौका दिया है। कोर्ट ने डीएलएड (DLEd) डिग्रीधारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को 15 दिन के भीतर पूरा करने का सख्त आदेश दिया है। यह निर्देश 2885 पदों को लेकर है, जिन पर पहले से विवाद चल रहा है।

DLEd बनाम BEd विवाद

राज्य सरकार ने नियमों को दरकिनार कर बीएड (BEd) डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति दे दी थी। इस पर डीएलएड डिग्रीधारियों ने आपत्ति जताई और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट, दोनों ने इन नियुक्तियों को अवैध ठहराते हुए बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति रद्द करने और डीएलएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया। बावजूद इसके, अब तक सरकार ने कार्रवाई नहीं की।

कोर्ट की सख्ती

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार पर नाराजगी जताई। जस्टिस अरविंद वर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही सरकार की विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज कर चुका है। हाईकोर्ट ने भी कई बार निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार ने प्रक्रिया पूरी नहीं की। सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि मिड सेशन में नियुक्तियां करना कठिन होगा। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समय सीमा बढ़ाने का अधिकार हाईकोर्ट को नहीं है।

2855 BEd डिग्रीधारियों की नियुक्ति होगी निरस्त

हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 2855 बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राइमरी स्कूलों में तैनात इन शिक्षकों की सूची हाईकोर्ट में पेश की गई। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि 984 पदों की स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।

अब और देरी नहीं होगी

हाईकोर्ट ने कहा कि यह अंतिम अवसर है। या तो सरकार सुप्रीम कोर्ट से स्थगन आदेश लेकर आए, या फिर तुरंत कार्रवाई करे। कोर्ट ने आदेश का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

क्या है आगे का रास्ता?

बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति रद्द की जाएगी।

डीएलएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होगी।

984 विवादित पदों की स्थिति स्पष्ट की जाएगी

सरकार के इस मामले में निष्क्रियता पर कोर्ट की सख्ती ने भर्ती प्रक्रिया को नई दिशा दे दी है। अब देखना होगा कि 15 दिन में सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करती है या नहीं।

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