
घरघोड़ा कांग्रेस का आंदोलन हुआ फ्लॉप ना जुटे कार्यकर्ता ना किसान
पार्टी में परिवारवाद राजनीति से कार्यकर्ता नाराज।
घरघोड़ा- प्रदेश में रासायनिक उर्वरकों की कम आपूर्ति को लेकर प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर पूरे ब्लॉक में कांग्रेस द्वारा आज धरना का आयोजन किया गया था उसी तारतम्य में घरघोड़ा ब्लाक कांग्रेश कमेटी द्वारा भी कारगिल चौक मे धरना का आयोजन किया गया था ,घरघोड़ा मंण्डी के सामने उक्त धरने में हास्यास्पद की स्थिति निर्मित हो गयी कि एक भी किसान उक्त आंदोलन में शामिल नही हुये यहाँ तक कि कांग्रेस के कार्यकर्ता भी नही जुटे मुट्ठी भर कार्यकर्ताओ को देख नगर में चर्चाओं का बजार गर्म हो गया सत्ता में रहने के बाद भी सत्ता पक्ष के धरने में कार्यकर्ताओं का ना जुटना कहि ना कहि पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को हवा दे रहा है। बताया जाता है ब्लाक कांग्रेस के कार्यकरणी गठन में परिवार वाद व एक ब्यक्ति एक पद को भूलते हुये गठन कर लिया गया है जमीनी कार्यकर्ताओ के बजाय चेहते लोगो को पद से उपकृत किया गया है जिसके परिणाम स्वरूप जमीनी कार्यकर्ता दूर होते जा रहे है।
कुछ दिन पूर्व घरघोडा पेट्रोल पंप पर ब्लॉक कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ पेट्रोल डीजल के बढ़ते रेट को लेकर आंदोलन किया था जिसमें उन्हें कार्यकर्ता ना मिलने की वजह से सरकारी मुलाजिमों को झंडा बरदार करना पड़ था। जो अखबारों की सुर्खियां बनी और पार्टी की खूब किरकिरी हुई। माना जा रहा है कि पार्टी के नए कार्यकारिणी के बाद से ही पार्टी के कार्यकर्ता ही नाराज चल रहे हैं जिससे पार्टी के हर कार्यक्रम और प्रदर्शन में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। नई कार्यकारिणी में ब्लॉक नेताओं के परिवारवाद को संरक्षण देना,पार्टी के लिए महंगा साबित होता जा रहा है। हालांकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है लेकिन अब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की नाराजगी खुल कर कार्यक्रमों और आयोजनों में दिखने लगा है। नगर के एक कांग्रेसी ने नाम ना छापने की शर्त पर हमें बताया कि ब्लॉक कांग्रेस में
परिवारवाद अपनी चरम पर है। पार्टी में पद मिलने की बात हो या नए कार्यकारिणी की गठन हमेशा नगर के बड़े कांग्रेसियों के परिवार को ही पहली प्राथमिकता दी जाती है। जबकि सालों से पार्टी का झंडा उठाए कार्यकर्ता मुंह निहारते रह जाते हैं।
देखना यहाँ है कि जिला कांग्रेस डेमेज कंट्रोल करती है या पार्टी उसी ढर्रे में चलेगी।