
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव, वेतन सीमा भी बढ़ेगी
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर आ सकती है। वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। मौजूदा ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर ₹7,500 प्रतिमाह करने की सिफारिश की गई है। यह बदलाव बढ़ती महंगाई और जीवनयापन लागत को देखते हुए किया जा सकता है। इसके साथ ही वेतन सीमा भी ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 करने का प्रस्ताव है, जिससे अधिक कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
प्रस्तावित बदलाव और मुख्य बिंदु
📌 न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी – वर्तमान में मिलने वाली न्यूनतम पेंशन ₹1,000 प्रतिमाह है, जिसे ₹7,500 प्रतिमाह करने का प्रस्ताव किया गया है।
📌 वेतन सीमा में वृद्धि – वर्तमान वेतन सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 करने की सिफारिश की गई है। इससे अधिक कर्मचारी इस योजना के दायरे में आएंगे।
📌 महंगाई भत्ता (DA) की शुरुआत – सरकार पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता देने पर विचार कर रही है, जिससे बढ़ती महंगाई से राहत मिल सके।
📌 नियोक्ता और कर्मचारी योगदान – कर्मचारी के वेतन का 12% EPF और EPS में जमा होता है। इसमें से 8.33% EPS (पेंशन योजना) में और 3.67% EPF में जाता है।
📌 पेंशन गणना में बदलाव – अब अंतिम 60 महीनों के औसत वेतन के आधार पर पेंशन गणना करने का प्रस्ताव है, जिससे पेंशनभोगियों को अधिक लाभ मिलेगा।
📌 मुफ्त चिकित्सा सुविधा – पेंशनभोगियों और उनके जीवनसाथी के लिए नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देने का प्रस्ताव किया गया है।
न्यूनतम पेंशन वृद्धि के लाभ
✔ आर्थिक सुरक्षा – बढ़ी हुई पेंशन से कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी। ✔ महंगाई से राहत – महंगाई भत्ता मिलने से पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी। ✔ बेहतर जीवन स्तर – इस योजना से रिटायर कर्मचारियों को उच्च जीवन स्तर मिलेगा। ✔ अधिक कर्मचारियों को लाभ – वेतन सीमा बढ़ने से अधिक कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार की औपचारिक मंजूरी बाकी
हालांकि, यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से स्वीकृति मिलना बाकी है। यदि यह लागू होता है, तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।