31 दिसम्बर से पहले हो सकती है किसानों के साथ सरकार की अगले दौर की वार्ता
नई दिल्लीः तीन नए किसान कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 25वां दिन है. इस बीच शनिवार शाम को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के 3 कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास पहुंचकर उनसे किसान आंदोलन पर 45 मिनट की लम्बी बातचीत की.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मीटिंग के बाद उनके आवास से बाहर निकलकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पत्रकारों से बातचीत की. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से बात करने के लिए अपनी तैयारी कर रही है. तीनों किसान कानूनों पर किसानों ने जो बहुसूत्रीय आपत्तियां दी हैं उस पर सरकार ने जो ऑफर दिया था उसमें कुछ नया जोड़ कर उन्हें देने की तैयारी कर रहे हैं. सरकार चाहती है कि किसानों की ज्यादा से ज्यादा आपत्तियों को दूर किया जा सके जिससे कोई बीच का रास्ता निकल सके. अगर किसान बात करने को तैयार हुए तो सरकार उनसे नए सिरे से बात करेगी.
किसान भाइयों के हितों से सम्बंधित प्रत्येक विषय पर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री @nstomar से मुलाकात कर चर्चा की।
कृषि मंत्री किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं। pic.twitter.com/01DhGVJsYa
— Manohar Lal (मोदी का परिवार) (@mlkhattar) December 19, 2020
किसानों ने दी अपनी प्रतिक्रिया
केंद्रीय कृषि मंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के नेता और महासचिव राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि सरकार ठंड की रातों में सड़क पर बैठे किसानों के प्रति निर्मम है और सिर्फ समय बर्बाद कर रही है. जब किसानों के संगठनों ने मिल कर ये कह दिया है कि हम तीनों किसान कानूनों को रद्द कराना चाहते हैं तो किसान इन कानूनों को एक के बाद एक रफ़ू करके क्यों चलाना चाहती है. बिना किसानों की सहमति लिए जिन किसान कानूनों को बनाया गया उन्हें रद्द किया जाए और उसके बाद किसानों से राय ले कर नया कानून बना ले सरकार.
31 दिसम्बर से पहले हो सकती है बातचीत
केंद्र सरकार की कोशिश है कि नए साल में किसानों को मनाकर प्रवेश किया जाए. इसके लिए सरकार किसानों की दी गई सभी 37 आपत्तियों पर विचार कर रही है ताकि अधिक से अधिक आपत्तियों पर कोई न कोई नया समाधान किसानों के आगे रखा जा सके. उम्मीद है कि इसकी पूरी तैयारी एक-दो दिन में ही पूरी हो जाएगी और एक हफ़्ते के अंदर ही सरकार किसानों से अगले दौर की बातचीत की अपील करेगी.