
रायपुर। ब्याजखोरी और वसूली जैसे मामलों में आरोपी हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी और उसका भाई रोहित सिंह तोमर सोमवार को अदालत में सरेंडर नहीं हुए। जबकि न्यायालय ने दोनों को 18 अगस्त तक हाजिर होने का आदेश दिया था। अब पुलिस के बजाय कलेक्टर की अगुवाई में उनकी संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी।
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर के आदेश पर दोनों की संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा, इसके बाद नोटिस जारी कर कुर्की की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग छह महीने का समय लग सकता है। जब तक कुर्की पूरी नहीं होती, तब तक दोनों को गिरफ्तारी से राहत मिल सकती है।
पुलिस नाकाम, आरोपियों को पकड़ना बना चुनौती
साइबर ठगी जैसे जटिल मामलों में पुलिस अलग-अलग राज्यों से आरोपियों को पकड़कर ला रही है, लेकिन तकनीकी संसाधन होने के बावजूद वीरेंद्र और रोहित को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। बताया जाता है कि दोनों रायपुर में ही परिवार के संपर्क में हैं और पैसों का लेन-देन भी कर रहे हैं। इससे पहले भी पुलिस की छापेमारी की सूचना लीक हो जाने से दोनों फरार हो गए थे।
कुर्की में भी जोड़-तोड़ की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, कुर्की की प्रक्रिया के दौरान दोनों आरोपियों ने अपने लोगों को बोली लगाने के लिए तैयार किया है, ताकि नीलामी में उनकी संपत्तियां वापस उन्हीं को मिल जाएं। इस तरह वे संपत्ति भी बचा सकेंगे और गिरफ्तारी से भी राहत पाने की कोशिश करेंगे।